नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव को लेकर घमासान छिड़ा है. कांग्रेस की CEC बैठक खत्म हो गई है। जिसमें झारखंड लोकसभा सीटों पर सहमति नहीं बनी है और हरियाणा लोकसभा सीटों पर मंथन किया गया है। सभी दलों के नेता चुनावी अभियान में जी जान से जुटे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी, योगी आदित्यनाथ, भगवंत मान जैसे नेताओं ने चुनावी मैदान में मोर्चा संभाल लिया है. एनडीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है लेकिन इंडिया गठबंधन बिना किसी चेहरे के मैदान में है।
कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र भी जारी कर दिया। घोषणा पत्र में कांग्रेस ने पांच न्याय और 25 गारंटी पूरे करने के वादे किए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान किया कि पार्टी के न्याय के दस्तावेज में समाज के हर वर्ग के उत्थान और कल्याण को लेकर रोड मैप तैयार किया गया है. लेकिन कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस बात को लेकर पार्टी ने कुछ भी खुलासा नहीं किया है।
हमारा सवाल था कि 2009 के घोषणा पत्र में दो तस्वीरें दिखी थीं- इनमें एक मनमोहन सिंह की थी तो दूसरी सोनिया गांधी की. उस वक्त जब ये सवाल किया गया कि कौन होगा पीएम चेहरा तो सोनिया जी ने अपनी तस्वीर छिपा ली थी. अब 2024 के घोषणापत्र में भी दो तस्वीरें हैं- एक तरफ राहुल, दूसरी तरफ खरगे, आखिर कौन होगा पीएम का चेहरा? इंडिया गठबंधन में पीएम चेहरे को लेकर पहले से विवाद और मतभेद देखने को मिलता रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की बैठकों को लेकर शुरुआत में काफी सक्रिय थे. उन्होंने कई बैठकों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था और अपनी बातें रखी थीं. लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान से ही उन्होंने कांग्रेस पर धीमी गति से आगे बढ़ने का आरोप लगाना शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्होंने महागठबंधन से रिश्ता तोड़ते हुए फिर से एनडीए का दामन थाम लिया. समझा यही गया कि उन्हें इंडिया गठबंधन में पीएम चेहरा नहीं घोषित किया गया, इसलिए वो खासे नाराज थे।