सीबीआई ने पूछताछ के लिए कॉलेज शिक्षकों को किया शॉर्टलिस्ट, जानें पूरा मामला
कोलकाता (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में चल रही जांच में तेजी लाने की कोशिश में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अब कुछ कॉलेज शिक्षकों को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया में है। सूत्रों ने कहा कि ये सभी कॉलेज शिक्षक राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी या पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य के बेहद करीब थे। ये दोनों नेता वर्तमान में भर्ती घोटाले से कथित रूप से जुड़े होने के कारण न्यायिक हिरासत में हैं।
सूत्रों ने कहा कि मामले की अब तक की जांच में अनियमितताओं में इन कॉलेज शिक्षकों में से कुछ के मध्यस्थ के रूप में शामिल होने के संकेत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक इस प्रक्रिया में ऐसे कॉलेज शिक्षकों की संलिप्तता मुख्य रूप से दो तरह से थी।
जहां एक समूह स्थानीय सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से अपने ज्ञात हलकों से इच्छुक उम्मीदवारों के लिए सिफारिशों की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार था, वहीं दूसरा समूह पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी), डब्ल्यूबीबीपीई और अन्य संबंधित विभागों में भर्ती प्रक्रिया के मास्टरमाइंडों को संप्रेषित करने के लिए जिम्मेदार था।
सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के लिए बुलाए जाने वाले शिक्षकों को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया, जिसके बाद उन्हें व्यक्तिगत रूप से या कोलकाता में सीबीआई के कार्यालय में तलब किया जाएगा।
आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए यदि आवश्यक हो तो ऐसे शिक्षकों और परिवार के सदस्यों के खातों और आयकर रिटर्न फाइलों की जांच की जाएगी।
डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा प्रकाशित 952 ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की सूची में तृणमूल कांग्रेस के एक पार्षद और सत्तारूढ़ पार्टी के पंचायत कार्यकारी अधिकारी के बेटे के नाम की पहचान को लेकर पश्चिम बंगाल में पहले से ही राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है। राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में अयोग्य उम्मीदवारों को शिक्षकों के रूप में समायोजित करने के लिए ओएमआर के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ की गई थी।