शिक्षक भर्ती घोटाले में CBI ने 3 दिन तक की TMC विधायक से पूछताछ
जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विद्यालयों में कथित रूप से अवैध भर्तियों के मामले की जांच के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा को सोमवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई अधिकारी पश्चिम बंगाल के सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में कथित रूप से अवैध भर्तियों से जुड़े मामले में बुरवान निर्वाचन क्षेत्र के विधायक साहा से 14 अप्रैल से पूछताछ कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि साहा को गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें करीब 220 किलोमीटर दूर, कोलकाता के निजाम स्थित जांच एजेंसी कार्यालय ले जाया गया। उन्हें यहां अलीपुर में विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें चार दिन के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया क्योंकि उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
सीबीआई की ओर से पेश वकील ने साहा को पांच दिन के लिए हिरासत में दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज उनके आवास से बरामद किए गए हैं और घोटाले के संबंध में उनसे पूछताछ की जरूरत है। सीबीआई ने यह भी कहा कि उन्होंने घर पर तलाशी के दौरान अपने मोबाइल फोन फेंक दिए थे और सबूत नष्ट करने की कोशिश की। अधिकारियों ने बताया कि साहा (46) ने अपने आवास पर सीबीआई छापे के दौरान दो मोबाइल फोन पास के एक तालाब में कथित रूप से फेंक दिए थे। उन्होंने बताया कि रविवार को साहा के दो मोबाइल फोन में से एक फोन को तालाब से निकाल लिया गया था।
साहा तृणमूल के तीसरे विधायक हैं जिन्हें इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और एक अन्य विधायक माणिक भट्टाचार्य को भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। चटर्जी के पास 2014 से 2021 के बीच शिक्षा विभाग था। इसी दौरान राज्य के सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मियों की भर्ती में कथित अनियमितताएं हुई थीं। भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी विधायक की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘हम हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं,... कानून अपना काम करेगा।'' इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के विधायकों की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि ‘‘राज्य में सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार में शामिल थे।'' भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘साहा गिरफ्तार किए गए तीसरे विधायक हैं। भ्रष्टाचार में शामिल तृणमूल नेताओं की सूची लंबी है। ये गिरफ्तारियां दर्शाती हैं कि जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।'' पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्विटर के जरिए आरोप लगाया कि तृणमूल के जनप्रतिनिधियों ने बिचौलियों की तरह काम किया। अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने राज्य सरकार की नौकरियों को सबसे ऊंची बोली लगाने वाले लोगों को बेचने के लिए एक समानांतर ‘तोल मोल' (भ्रष्टाचार) सेवा आयोग की स्थापना की।'' तृणमूल के प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘‘शुभेंदु गिरफ्तार होने के बजाय क्यों और कैसे खुलेआम घूम रहे हैं? नारद मामले में उनका नाम है। वह (अपने खिलाफ) कार्रवाई से बचने के लिए ही भाजपा में शामिल हुए थे।''