मुंबई: महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों से पैसे ऐंठता था. दरअसल, इस ठग का एक पूरा गैंग है. फिलहाल गैंग के दो आरोपियों का अभी पता लग पाया है. जिनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि, दूसरा साथी दुबई में रहता है. पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने ठगी का नया ही तरीका ढूंढ निकाला था. इसी से इन लोगों ने कई लोगों को लाखों का चूना लगाया है.
ये लोग उन लोगों को निशाना बनाते थे जिन्होंने ऑनलाइन कुछ सामान मंगवाया होता था और उनका पार्सल आना होता था. ये ठग सीबीआई अधिकारी बनकर ग्राहकों को फोन करते. फिर कहते कि आपके पार्सल में नारकोटिक्स जैसे चरस, गांजा, हेरोइन मिला है. इसलिए हम आपके खिलाफ केस दर्ज करने जा रहे हैं.
फिर उन्हें कहते कि पैसे देकर मामला रफा-दफा किया जा सकता है. लोग भी इन्हें असली सीबीआई अधिकारी समझकर पैसे दे देते. ताकि उन पर कोई केस न हो. लेकिन ठगी का शिकार एक महिला ने पुलिस में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया. महिला ने पुलिस को बताया कि उससे 14 लाख रुपये की ठगी की गई है.
पुलिस ने मामला दर्ज करके एक आरोपी को नासिक से गिरफ्तार कर लिया. जबकि, उसका दूसरा साथी दुबई में रहता है. पुलिस ने आरोपी के पास से 43 सिम कार्ड बरामद किए. उसका एक अकाउंट भी सीज कर दिया जिसमें 5 लाख रुपये थे.
डीसीपी बाल सिंह राजपूत के मुताबिक, ये लोग पहले लोगों का डाटा एकत्रित करते थे. पता लगाते थे कि किन लोगों के घर पार्सल आने वाला है. फिर उस पते पर खुद एक पार्सल भेज देते थे, जिसमें नशीला पदार्थ होता था. जैसे ही ग्राहक पार्सल को खोलता था तो उसी समय ये उन्हें फोन करके डराते कि हमें सूचना मिली है कि आपने पार्सल में नारकोटिक्स जैसे चरस, गांजा और हेरोइन है. ग्राहक उन्हें सफाई देता कि ये पार्सल उसका नहीं है. लेकिन वे लोग उसे डराते-धमकाते और केस दर्ज करने की बात कहते.
साथ ही उन्हें ये भी कहते कि अगर केस से बचना है तो आपको पैसे देने पड़ेंगे. पुलिस केस से बचने के लिए ग्राहक उन्हें पैसे दे देता. इसी तरह से उनका गिरोह चल रहा था. लेकिन एक महिला ने जब मामला दर्ज करवाया तो उनके गैंग का भंडाफोड़ हो गया. फिलहाल गिरफ्तार किए गए आरोपी से पूछताछ जारी है. साथ ही इस गैंस से जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगाया जा रहा है. पुलिस को शक है कि गैंग के अन्य सदस्य अभी भी लोगों से ठगी कर रहे हैं. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है. आगामी कार्रवाई की जा रही है.