कोर्ट के आदेश पर विधायक के खिलाफ केस दर्ज, डकैती और जानलेवा हमला करने का आरोप

Update: 2022-06-14 01:20 GMT

यूपी। न्यायालय के आदेश पर सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी और संजय केडिया सहित दस लोगों के खिलाफ के खिलाफ पुलिस ने सोमवार को केस दर्ज कर लिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान से पहले देवरिया विधानसभा क्षेत्र के कर्माजीतपुर गांव में 2 मार्च की रात को पैसे बांटने के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर बीजेपी समर्थकों और सपा समर्थकों में जमकर मारपीट हुई थी. सभी के खिलाफ जानलेवा हमले, डकैती समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. तत्कालीन सपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह के बड़े भाई श्रीप्रकाश सिंह ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी.

जानकारी के मुताबिक सपा प्रत्याशी के भाई श्रीप्रकाश सिंह को सूचना मिली थी कि भाजपा के लोग चुनाव प्रभावित करने के लिए पैसा बांट रहे हैं. यह सुनकर वह मौके पर पहुंचे और अपने छोटे भाई तत्कालीन सपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह को फोन कर बुलाया. इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी.

इस दौरान फायरिंग की भी बात समाने आई थी. हालांकि किसी को गोली नहीं लगी थी, जिसमें बीजेपी समर्थकों के आठ लोगों को गंभीर चोट आई थी. वहीं सपा के कुछ लोगों को भी चोट आई थी लेकिन पुलिस ने बीजेपी समर्थक मयंक ओझा की तहरीर पर सपा प्रत्याशी के अलावा श्री प्रकाश सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह, पिंटू, हर्ष शर्मा, रघुराज, राजू और धनेश व तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था.

इसके बाद पुलिस ने सभी 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था. इस घटना में सपा नेता की तहरीर पर पुलिस ने केस नहीं लिखा था. इसके बाद सपा प्रत्याशी के भाई ने कोर्ट से केस दर्ज करवाने की अपील की थी.

कोर्ट के आदेश पर भाजपा विधायक शलभ मणि, संजय केडिया, मयंक ओझा, सुनील ओझा, सिद्धार्थ ओझा, मुकेश शर्मा, सर्वेश मिश्रा, कमलेश मिश्रा, प्रमोद सिंह और महृषि मणि के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 395, 352, 323 और 504 के तहत गौरीबाजार थाना में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में 18 मई को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मुकदमा दर्ज कर विवेचाना करने का आदेश गौरी बाजार पुलिस को दिया था.

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