धर्म परिवर्तन का मामला, गृहमंत्री के आदेश पर FIR दर्ज

Update: 2023-01-28 13:55 GMT
इंदौर: मध्य प्रदेश में लव जिहाद और धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामले रोकने के लिए धर्म स्वतंत्र अधिनियम कानून बनाया गया. मगर ऐसा लगता है कि ये कानून सिर्फ कागज पर ही काम कर रहा है, जमीन पर नहीं. क्योंकि, राजधानी भोपाल में पिछले दिनों पीड़ित महिला पर उसका मुस्लिम जीजा अपने दोस्त से धर्म परिवर्तन कर जबरदस्ती शादी का करने का दबाव बना रहा था, जिस पर पीडिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन 15 दिनों के बाद ही सभी आरोपियों को जमानत भी मिल गई. अब वो पीड़िता पर केस वापिस लेना का दबाव बना रहे हैं.
दरअसल, ये मामला भोपाल के गांधी नगर इलाके का है. जहां, पीड़ित महिला पर एक मुस्लिम परिवार ने धर्म परिवर्तन कर जबरदस्ती शादी का करने का दबाव बनाया. चूंकि, पीड़िता की बहन ने एक मुस्लिम युवक से शादी की थी, जिसके बाद अब पीड़िता की बहन का पति उस पर दबाव बना रहा है कि वो उसके दोस्त असलम से शादी कर ले. क्योंकि,पीड़ित महिला तलाकशुदा है. साथ ही उसका एक बेटा भी है.
आरोपियों पर FIR हुई, 15 दिन बाद बाहर
इस मामले को लेकर पीड़ित महिला गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पास पहुंची थी. सरकार एक्शन में आई और 5 आरोपियों पर धर्म स्वतंत्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ.मगर 15 दिनों के बाद ही सभी आरोपियों को जमानत भी मिल गई. इसके बाद एक बार से सभी आरोपी फिर से पीड़ित महिला पर केस वापिस लेने या शादी करने का दबाव बनाया जा रहा है.
DCP बोलें- आरोपियों के खिलाफ की जाएगी कानूनी कार्रवाई
वहीं, डीसीपी विजय खत्री ने पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता की शिकायत के बाद ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. मगर, अभी जानकारी मिली है कि फिर से पीड़िता को परेशान किया जा रहा है. तो इस पर सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
VHP ने धर्मांतरण और सिविल कोड लागू करने कि मांग की
बता दें कि, पिछले दिनों 1 जनवरी को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने धार्मिक कट्टरता के खिलाफ एक संकल्प पारित किया था. जिसमें अवैध धर्मांतरण को प्रतिबंधित करने के लिए एक कठोर कानून बनाने और देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की गई थी. साथ ही विहिप ने धार्मिक कट्टरता को दुनिया भर में आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि , संपन्न हुई विहिप के प्रन्यासी मंडल व प्रबंध समिति की तीन दिवसीय बैठक के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया है.
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