JNU में दो छात्र संगठनों में भिड़ंत का मामला, खाने-पीने पर रोक के विरोध में की नारेबाजी
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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हाल ही में दो छात्र संगठनों में भिड़ंत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लिहाजा, मंगलवार को जामिया यूनिवर्सिटी में प्रोटेस्ट किया गया. प्रोटेस्ट में एबीवीपी और सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई. इस प्रोटेस्ट को दिल्ली दंगों की साजिश की आरोपी सफुरा जरगर ने लीड किया. बता दें कि सफुरा फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. सफुरा पर स्पेशल सेल ने UAPA के तहत केस दर्ज किया था.
जानकारी के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के लिए एक बजे का वक्त तय किया गया था, लेकिन प्रदर्शन 2 बजे शुरू हुआ. हालांकि, प्रोटेस्ट कैंपस के अंदर तक ही सीमित रहा, क्योंकि कैंपस के बाहर भारी फोर्स तैनात थी. भले ही प्रोटेस्ट जेएनयू हिंसा के विरोध में किया गया था, लेकिन इस दौरान ये दलीलें भी दी गईं कि देशभर में मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं और खाने-पहनने पर रोक-टोक लगाई जा रही है.
जेएनयू हिंसा के विरोध में हुए प्रदर्शन में 30 से 40 लोग शामिल हुए. गौरतलब है कि जेएनयू में रामनवमी के मौके पर कथित रूप से नॉन वेज को लेकर विवाद हो गया था, जिसके बाद ABVP और लेफ्ट पार्टियों के छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों के बीच झड़प हुई थी. करीब 4 घंटे तक JNU में हंगामा हुआ था.
वहीं पुलिस का कहना है कि हिंसा में कुल छह लोग घायल हुए हैं. वहीं छात्र संगठनों का कहना है कि दोनों गुटों के करीब 60 छात्र जख्मी हुए हैं. लेफ्ट पार्टियों के छात्र संगठनों का कहना है कि उनके करीब 50 सदस्य घायल हैं. वहीं ABVP का आरोप है कि उनके 10-12 सदस्यों को पीटा गया था. हिंसक झड़प के पीछे कौन था, इसको लेकर अलग-अलग दावे हैं. जेएनयू स्टूडेंट यूनियन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य एक-दूसरे पर पत्थरबाजी और मारपीट का आरोप लगा रहे हैं.