चरखी दादरी। चार दिन पहले गांव गोपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एसएमओ और स्टाफ के साथ हुए मारपीट मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर जिला भर के चिकित्सकों ने सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी बंद रखी। चिकित्सकों ने पुलिस के कार्यशैली पर रोष जताया। उनके साथ मारपीट का विडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। हालांकि इस मामले में बाढड़ा पुलिस थाना द्वारा केस दर्ज किया था। इसके बावजूद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं हड़ताल के चलते जिले भर के 17 स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी बंद रहने से करीब दो हजार मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बता दें कि दादरी शहर में दो सरकारी स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें सिविल अस्पताल व मातृ-शिशु अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा जिले में तीन सीएचसी यानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 12 पीएचसी यानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इन सभी 17 केंद्रों की दैनिक ओपीडी करीब 2200 रहती है। शुक्रवार को चिकित्सकों ने सुबह से लेकर दोपहर बाद तक ओपीडी नहीं देखी। इसके चलते स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचने वाले मरीजों को बिन उपचार ही लौटना पड़ा। वहीं एचसीएमएसए पदाधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो एसोसिएशन और कड़ा निर्णय लेने को विवश होगी।
दादरी जिले में चिकित्सकों के 92 पद स्वीकृत हैं, जबकि 65 चिकित्सक तैनात हैं। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश कालिया व जिला प्रधान राजीव बेनीवाल व विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किसी भी चिकित्सक ने ओपीडी नहीं देखी। जिसके चलते काफी देर इंतजार करने के बाद मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों से बिन उपचार के ही लौटना पड़ा। दूसरी ओर चिकित्सकों ने बैठक भी की। जिसमें जल्द मांग अनुरूप कार्रवाई न होने पर और कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी गई।
एसएमओ डॉ. अभिषेक ने गोपी के सरपंच समेत चार लोगों पर 18 सितंबर की रात स्वास्थ्य केंद्र में आकर मारपीट और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था। दरअसल, इससे पहले एक एमएलसी को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी और बाद में मामला बढ़कर थाने तक पहुंच गया। इस संबंध में पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। इसके विरोध में ही शुक्रवार को ओपीडी बंद रखी गई।