सावधान! कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर न करें शेयर, गृह मंत्रालय ने बताया- ये हो सकता है आपको नुकसान

क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं?

Update: 2021-05-25 09:32 GMT

क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं? यहां वैक्सीनेशन सेंटर से मतलब उस कागजात से है जो कोरोना की वैक्सीन दिए जाने के बाद मिलता है. यह हार्ड या सॉफ्ट दोनों कॉपी के रूप में हो सकता है. वैक्सीन लगाने के तुरंत बाद इसे मोबाइन नंबर पर भेजा जाता है. लोग इसे शेयर भी कर रहे हैं, यह दिखाने के लिए वैक्सीन की मारा-मारी के बीच उन्हें टीका लग गया है. लेकिन साइबर सिक्योरिटी के लिहाज से यह सही नहीं है. इसे सोशल मीडिया पर शेयर न करने की सलाह दी जा रही है.

गृह मंत्रालय ने इस सर्टिफिकेट को सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करने की सलाह दी है. गृह मंत्रालय के साइबर अवेयरनेस टि्वटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी गई है. गृह मंत्रालय इस अवेयरनेस टि्वटर हैंडल को साइबर दोस्त के नाम से चलाता है. एक ट्वीट में साइबर दोस्त ने लिखा है, कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति का नाम और अन्य व्यक्तिगत जानकारी लिखी होती है.
वैक्सीन सर्टिफिकेट शेयर न करें
अगर आप सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर डालते हैं, तो आपकी संवेदनशील जानकारी चोरी होने का डर है. इससे बचने का यही उपाय है कि सर्टिफिकेट को अपने पास सहेज कर रखा जाए, न कि उसे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया जाए. गृह मंत्रालय ने कहा है कि सर्टफिकेट को सोशल मीडिया पर न शेयर करने के कई फायदे हैं.
सर्टिफिकेट पर लिखी आपकी जानकारी फ्रॉडस्टर या साइबर अपराधियों के हाथ न लगे, उस जानकारी के आधार पर आपके साथ कोई फ्रॉड न हो, इसके लिए उसे शेयर करने से बचने की सलाह दी जा रही है. ऐसा देखने में आ रहा है कि वैक्सीन के नाम पर खूब धोखाधड़ी हो रही है. लोगों से उनकी जानकारी मांगी जा रही है. उस आधार पर बैंक अकाउंट भी खाली किए जा रहे हैं.
इस मैसेज से सावधान
सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सऐप मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें वैक्सीन लेने के बाद लोगों से फीडबैक पूछा जा रहा है. इस मैसेज में लिखा है, 'मेरे दोस्त को 91225004117 नंबर से फोन आया. फोन कॉल में कहा गया कि अगर आपने वैक्सीन ले ली है तो 1 पर क्लिक करें. उस व्यक्ति ने 1 पर क्लिक कर दिया. ऐसा करते ही फोन ब्लॉक हो गया और हैक भी कर लिया गया. इसलिए जब भी ऐसा कोई फोन आए तो सावधान हो जाएं.' सरकारी संस्था पीआईबी ने इस व्हाट्सऐप मैसेज को फर्जी बताया है और कहा है कि न तो ऐसा कोई फोन नंबर है और न ही वैक्सीन लेने के बाद पूछा जा रहा है.
कोरोना में ठगी का काम तेज
साइबर अपराधी और फ्रॉडस्टर कोरोना महामारी को बड़ा हथियार बना रहे हैं और लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. अलग-अलग करतूत से बेगुनाह लोगों को झांसे में लिया जा रहा है और उनकी जानकारी चुराई जा रही है. कोरोना महामारी में परेशान लोगों को फर्जी बेरोजगारी भत्ता देने का भी ऑफर किया जा रहा है. फ्रॉडस्टर लोगों से फेक वेबसाइट पर रजिस्टर करने के लिए उकसा रहे हैं. इसमें फर्जी वेबसाइट बनाकर प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना देने का ऑफर किया जा रहा है. इसके लिए मैसेज में फर्जी रजिस्ट्रेशन रिक्वेस्ट भेजी जा रही है. फ्रॉडस्टर इसके लिए ईमेल या सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं.
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