गौशाला में मिले गायों के शव और कंकाल, कलेक्टर ने दिए संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश

जांच जारी

Update: 2022-01-31 02:25 GMT

MP NEWS : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास बैरसिया तहसील में गायों के शव और कंकाल मिले हैं. मामला भारती नाम के गौशाल और उसके पास एक मैदान का है. जानकारी के मुताबिक, गौशाला के पास ही बने एक गड्ढे में करीब 2 दर्जन गायों के शव मिले हैं तो वहीं गौशाला से सटे मैदान में करीब 80 गायों के शव और कंकाल दोनों मिले हैं. उधर, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि ये गौशाला भाजपा महिला नेता का है. मामले की जानकारी मिलने पर गौशाला के पास पहुंचकर हिंदू संगठनों ने नारेबाजी की और गौशाला चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया बैरसिया गांव पहुंचे और मौके का जायजा लिया. भोपाल कलेक्टर अवनीश लवानिया ने जायजा लेने के बाद मामले की जांच और गौशाला का संचालन करने वाली महिला निर्मला शांडिल्य के खिलाफ FIR के आदेश दिए. इसके अलावा निर्मला शांडिल्य से गौशाला संचालन का अधिकार छीनते हुए गौशाला संचालन की जिम्मेदारी जनपद CEO को सौंपी गई.

गौशाला में मिले गायों के शव और कंकाल, कलेक्टर ने दिए संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश

भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि शुरुआती जांच में शवों के निष्पादन में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिन गायों के शवों का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन होना चाहिए था, उन्हें खुले में फेंका गया जो गलत और अमानवीय था. कलेक्टर के मुताबिक जिन गायों की मौत हाल में हुई है, उनके शवों का पोस्टमार्टम भी कराया जा रहा है.

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गौशाला में हुई गायों की मौत के बाद बीजेपी पर हमला बोला है. दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि गौशाला का संचालन करने वाली निर्मला शांडिल्य बीजेपी की नेता हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि बैरसिया भोपाल जिले में कई वर्षों से भाजपा नेता शांडिल्य द्वारा संचालित गौशाला में गाय की हड्डी व चमड़े का व्यापार चला हुआ था. आज लगभग 500 से अधिक गाय मृत पाई गईं. मैं शासन से निम्न मांग करता हूं.

1- इस गोशाला के संचालक मंडल पर गौ हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाए.

2- क्या शांडिल्य चमड़े और हड्डियों का व्यापार कर रहीं थीं? इसकी भी जांच होनी चाहिए.

3- इस गोशाला के पिछले वर्षों में जो अनुदान मिला है, उसकी जांच होनी चाहिए.


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