DCP को आया कॉल, हेलो! मैं आर्मी ऑफिसर बोल रहा हूं, आपकी सहायता चाइए, पुलिस ने यूं किया इंतजाम

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी संतोष कुमार मीना ने कहा,'सर, आप हमारे देश की रक्षा के लिए सीमावर्ती इलाके में तैनात हैं.

Update: 2021-04-26 10:42 GMT

नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्ली स्थित द्वारका जिले के डीसीपी संतोष कुमार मीना (Santosh Kumar Meena) के मोबाइल फोन की घंटी बजते ही दूसरे तरफ से आवाज आई- मैं लेह में तैनात आर्मी ऑफिसर सोमेन मंडल (Army Officer Somen Mandal) हूं , मुझे आपसे एक व्यक्तिगत मदद चाहिए. मेरे ससुर विश्वनाथ प्रामाणिक की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत (Corona Death) हो गई है, लेकिन घर में कोई पुरुष शख्स नहीं है, जो उनका अंतिम संस्कार करवा सके. हालांकि हम लोग काफी प्रयास भी कर रहे हैं, लेकिन उनके अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट में स्थान और वक्त नहीं मिल रहा है. कृपया हमारी मदर करें, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से फिलहाल हम लोग तत्काल वहां पहुंच भी नहीं सकते हैं.

दरअसल बातचीत के दौरान उस आर्मी अधिकारी की व्यक्तिगत परेशानी और मजबूरी साफ तौर पर झलक रही थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी संतोष कुमार मीना ने कहा,'सर, आप हमारे देश की रक्षा के लिए सीमावर्ती इलाके में तैनात हैं. दिल्ली पुलिस ऐसे मुद्दे पर हर दिल्लीवासी की मदद के लिए तैयार रहती है, आप जैसे देश के जवान के लिए हम काम आएं, ये मेरे लिए भी व्यक्तिगत तौर पर बेहद खुशी की बात होगी.
वहीं, तमाम जानकारियां लेने के बाद तत्काल प्रभाव से एक टीम का गठन करके संबंधित पते पर भेजकर उस आर्मी अधिकारी के मृतक रिश्तेदार की अंतिम संस्कार से जुड़ी तैयारियां शुरू कर दी गई. द्वारका नार्थ जिला में कार्यरत राजेश नाम के एक सिपाही ने इस मसले पर तमाम औपचारिकताओं को पूरा कराते हुए अंतिम संस्कार के लिए तमाम व्यवस्था को सम्पन्न कराया.
बहरहाल, दिल्ली एनसीआर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले देखते हुए हर दिल्लीवासी डरा और सहमा हुआ है, क्योंकि दिल्ली एनसीआर में अस्पतालों के अंदर मरीजों के लिए बेड की कमी और गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के लिए कई अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की कमी भी देखी जा रही है. इसी वजह से दिल्ली -एनसीआर में मृतकों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है. उस दौरान द्वारका पुलिस के अधिकारियों द्वारा लिया गया ये सराहनीय है. हालांकि पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस तरह के कई कॉल हमारे पास रोजाना आते रहते हैं और हम लोग उचित मदत करते रहते हैं. कोरोना संक्रमण काल के दौरान दिल्ली पुलिस की इन्हीं सराहनीय कार्यों की वजह से लोग उसे "दिल की पुलिस" भी कह रहे हैं.

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