दिल्ली। 'भारत बंद' का आहवान ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन (BAMCEF) और बहुजन मुक्ति पार्टी ने मिलकर किया है, इन्हें बहुजन क्रांति मोर्चा का भी समर्थन हासिल बताया जा रहा है, ये भारत बंद केंद्र सरकार द्वारा अन्य पिछड़ी जातियों की जाति आधारित जनगणना कराने से मना करने की वजह से किया जा रहा है।
'भारत बंद' बुलाने का मकसद जाति आधारित जनगणना के अलावा और भी कई अहम मुद्दों पर निर्भर है, इनमें प्रमुख हैं- केंद्र सरकार ने जाति के आधार पर ओबीसी जनगणना नहीं कराई है, ईवीएम को लेकर हुए धांधली हुई है, ईवीएम का इस्तेमाल बंद हो।निजी क्षेत्र में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण लागू हो साथ ही पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की मांग भी अहम है। बहुजन मुक्ति पार्टी के सहारनपुर जिलाध्यक्ष नीरज धीमान ने और मांगें भी बताई हैं, जिसकी वजह से भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया गया है इन मांगों में चुनावों में ईवीएम से जुड़ी गड़बड़ियां, निजी क्षेत्रों में एससी-एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण को लागू न करना समेत कई अहम मुद्दे शामिल हैं।
भारत बंद को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया पर जोरशोर से अभियान चलाया जा रहा है इसमें इस बात पर फोकस है कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है, और इसके कारण लोगों के सामने रखने जा रहे हैं। भारत बंद के असर की बात करें तो इससे सार्वजनिक परिवहन और बाजार खुलने पर असर पड़ सकता है, इससे लोगों को परेशानी हो सकती है भारत बंद का देशव्यापी असर नहीं होगा ऐसा माना जा रहा है मगर उत्तर प्रदेश के साथ बिहार के कुछ इलाकों में इसका कुछ प्रभाव देखने को मिलेगा ऐसा अनुमान जताया जा रहा है।