कैबिनेट मंत्री ने बीएसएफ को लेकर दिया विवादित बयान, कहा- आम लोगों को मारती है बीएसएफ
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कूचबिहार: पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में बीएसएफ फायरिंग में युवक की मौत मामले में बवाल जारी है. घटना के दूसरे दिन रविवार को ममता सरकार के मंत्री उदयन गुहा ने बीएसएफ को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ का काम आम लोगों को मारना है. वे लोगों को मार रहे हैं और उन्हें सुरक्षा नहीं दे रहे हैं. क्या इसके पीछे राजनीति है. यहां लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. सुरक्षा के नाम पर लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से आज मुलाकात की और सांत्वना दी है.
बता दें कि शुक्रवार रात भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मवेशी तस्करी में कथित संलिप्तता होने पर एक भारतीय नागरिक के दोनों पैरों में गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. मारे गए युवक की पहचान प्रेम कुमार बर्मन (26 साल) के रूप में हुई है. जो पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के गीतालदह गांव का रहने वाला था. इस क्षेत्र में बांग्लादेश के साथ लंबा बॉर्डर सटा हुआ है.
मीडिया से बातचीत में नॉर्थ बंगाल डेवलपमेंट मिनिस्टर मंत्री उदयन गुहा ने कहा- 'हमने पहले भी कहा है कि बीएसएफ का काम आम लोगों को मारना है. वे लोगों को मार रहे हैं. जो बंगाल के सीमावर्ती जिलों में तैनात हैं वे आमतौर पर भाजपा शासित राज्यों से आते हैं. उन्हें पश्चिम बंगाल के आम लोगों पर अत्याचार करने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि ये टीएमसी शासित राज्य है. कूचबिहार जिले के कुछ हिस्सों जैसे सीताई और दिनहाटा में जहां टीएमसी मजबूत स्थिति में है, वहां लोगों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित करते हैं.
बंगाल के मंत्री ने दावा किया कि बीएसएफ द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण पिछले एक साल में सिताई में पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पिछले एक साल में सिताई में बीजेपी की फायरिंग में कम से कम पांच आम आदमी मारे गए. बीएसएफ का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए. आने वाले दिनों में लोगों को सड़कों पर उतरकर विरोध करना पड़ेगा. मंत्री गुहा ने बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने आगे कहा- बीएसएफ सिर्फ आम लोगों को ही नहीं मारता है, महिलाओं को भी प्रताड़ित करता है. हम पहले भी राज्य विधानसभा में इस मुद्दे को उठा चुके हैं. भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया था. प्रेम बर्मन की हत्या ने सीमावर्ती जिलों में बीएसएफ की कथित ज्यादती को सामने ला दिया.
बताते चलें कि बीएसएफ सूत्रों ने दावा किया कि प्रेम बर्मन कथित तौर पर सीमा पार से मवेशियों की तस्करी में शामिल था. शनिवार को बर्मन कुछ अन्य लोगों के साथ बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी करने की कोशिश कर रहा था. जब उसका सामना बीएसएफ के एक सिपाही से हुआ तो कथित तौर पर उसने बीएसएफ कांस्टेबल पर हमला कर दिया. जिसके बाद सिपाही ने उसके पैरों पर गोली मार दी.
कूचबिहार जिले से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी विधायक मिहिर गोस्वामी ने टीएमसी मंत्री पर तंज कसा है. उन्होंने कहा- उदयन गुहा लेफ्ट पार्टी से आए थे, अब वह तृणमूल के साथ हैं. उन्हें नहीं पता कि राष्ट्रीय योद्धाओं (National Warriors) का सम्मान कैसे किया जाता है. ये उनकी नेता ममता बनर्जी की आवाज में झलकता है. वह पहले भी जवानों का अपमान कर चुकी हैं. इसलिए, बीएसएफ के लिए इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी उनकी पार्टी के नेताओं की तरफ से स्पष्ट है. अगर गुहा राष्ट्रीय योद्धाओं का सम्मान नहीं कर सकते हैं तो वे राजनीतिक नेता कहलाने के योग्य नहीं हैं.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने बीएसएफ पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बंगाल के मंत्री उदयन गुहा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण हैं. हमारी पार्टी मृत्युदंड का समर्थन नहीं करती है, लेकिन जिस तरह से टीएमसी सीमा सुरक्षा बल के साथ बर्ताव कर रही है और जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रही है वह अपमानजनक है. इससे पता चलता है कि अलगाववादियों और टीएमसी नेताओं के बीच कोई अंतर नहीं है. यही वजह है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद टीएमसी की टिप्पणी पाकिस्तान में सुर्खियों में रही. संघीय ढांचे के प्रति तृणमूल का यह रवैया लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. अब उस युवक की मौत की जांच की जा रही है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस के ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं हैं.