नकली डॉक्टर बनकर सरकारी टीचर ने किया कोरोना मरीज का इलाज, हुई मौत, ऐसे हुआ मामले का खुलासा
मेडिकल स्टाफ बताकर कोरोना के मरीजों का इलाज करता था.
लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो मेडिकल स्टाफ बताकर कोरोना के मरीजों का इलाज करता था, जबकि खुद प्राथमिक विद्यालय में सरकारी टीचर था, इस दौरान उसने एक कोरोना मरीज का इलाज किया जिससे उसकी मृत्यु हो गई, इस आरोप में युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
लखनऊ में थाना चिनहट कंचनपुर मटियारी में रहने वाला शशिवेंद्र पटेल जो कि पेशे से प्राथमिक विद्यालय में सरकारी टीचर है. उस पर आरोप है कि कोरोना संक्रमण के दौरान वो अपने आप को नव्या कोर मेडिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का कंसल्टेंट जोनल मैनेजर व चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और मेडिकल स्टाफ बताता था, इसके साथ ही अपने पास डॉक्टरों की एक टीम होने का भी दावा करता था, इस तरह कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर उसने मोटी रकम वसूली है.
थाना इंचार्ज धनंजय पांडेय के मुताबिक चिनहट थाने पुलिस के पास एक पीड़ित महिला ने शिकायत दर्ज करवाई थी और यह बताया था एक डॉक्टर ने कोरोना संक्रमित उसके पति से इलाज के नाम पर काफी मोटी रकम ले ली है और इलाज भी नहीं दिया. जिसके बाद उसके पति की मौत हो गई. पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश की तब पता चला कि वह फर्जी डॉक्टर बन लोगों का इलाज कर रहा था.
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक ''वो व्यक्ति खुद को मेडिकल से जुड़ा हुआ डॉक्टर बताता था और कोरोना संक्रमण के मरीजों का इलाज करता था इस दौरान एक महिला की शिकायत भी आई थी, इसके बाद हम लोगों ने कार्यवाही की, यह अपने मकान में ही इलाज करता था और डॉक्टरों को बुलाने की बात भी करता था, कि वहां पर बुलाकर इलाज करवाएगा. जिसमें सब कुछ जांच के बाद फेक पाया गया. गिरफ्तारी कर आगे की कार्रवाई की जा रही.''