कारोबारी अनिल अंबानी के बेटे अनमोल अंबानी ने कोरोना संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन जैसी पाबंदियों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का मकसद स्वास्थ्य की चिंता करना नहीं है बल्कि नियंत्रण करना है और इससे समाज एवं अर्थव्यवस्था की कमर ही टूट जाएगी। रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि सेमी-लॉकडाउन जैसे हालात से छोटे कारोबारियों और दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी प्रभावित होगी। एक ट्वीट में अनमोल अंबानी ने लिखा, 'पेशेवर अभिनेता अपनी फिल्मों की शूटिंग कर सकते हैं। प्रोफेशनल क्रिकेटर देर रात खेल सकते हैं। पेशेवर नेता रैलियां भी कर सकता हैं। लेकिन आपका कारोबार या काम जरूरी नहीं है।' #scamdemic लिखते हुए अनमोल अंबानी ने कहा, 'आखिर जरूरी होने का अर्थ क्या होता है? हर किसी का काम उसके लिए जरूरी होता है।'
एक अन्य ट्वीट में अनमोल अंबानी ने कहा कि इन लॉकडाउंस का हेल्थ से कोई संबंध नहीं रहा है। इनके चलते हमारे समाज की रीढ़ कहे जाने वाले दिहाड़ी मजदूर, सेल्फ एंप्लॉयड, रेस्तरां, ढाबा और कपड़ों की दुकानें चलाने वाले लोग तबाह हुए हैं। इसके अलावा इनके चलते हेल्थ भी खराब हो रही है क्योंकि जिम बंद किए जा रहे हैं। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और प्ले ग्राउंड्स पर भी रोक लग रही है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम, धूप और ताजी हवा जरूरी होती है। यही नहीं अनमोल अंबानी ने कहा कि यह उस नई पीढ़ी के लिए भी खतरनाक है, जो अपना इन बंदिशों के बीच और घरों में बंद होकर गुजार रही है। ऐसी स्थिति में भविष्य में उन्हें यही हालात सामान्य लगने लगेंगे।
अनमोल अंबानी ने अपनी ट्वीट्स में लॉकडाउन को असमानता बढ़ाने वाला भी बताया है। उन्होंने कहा कि यह संयोग नहीं है कि आम आदमी का नुकसान हो रहा है और अमीर लोगों को इससे लाभ मिल रहा है। यही नहीं अनमोल अंबानी ने कहा कि लॉकडाउन लगाना और लोगों से कारोबार को बंद करने और घरों में रहने की बात करना मानवता से अपराध जैसा है। बता दें कि महाराष्ट्र से लेकर पंजाब तक देश के कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन तक के फैसले लिए गए हैं। राजधानी दिल्ली में भी रात 10 बजे से नाइट कर्फ्यू का फैसला लिया गया है।