कौशांबी: यूपी के कौशांबी में कब्र में दफन एक युवक के शव पर हिंदू परिवार ने अपना हक जताया है. घर वालों का कहना है कि युवक के शव को रमजान का शव बताकर दफना दिया गया था. परिवार वाले उसे अपने बेटे सूरज का शव बताया है. जब यह मामला डीएम सुजीत कुमार के पास पहुंचा तो डीएम ने तीन सदस्यीय टीम बनाकर शव को कब्र से निकालकर उसकी DNA जांच कराने का आदेश दिया. डीएम के आदेश के बाद सिराथू सीओ कृष्ण गोपाल सिंह और सिराथू एसडीएम राहुल देव भट्ट की मौजूदगी में शव को कब्र से निकाला गया. इस दौरान शव पर दावा करने वाले दोनों परिवारों के सदस्य भी मौजूद थे.
जानकारी के अनुसार, यह मामला सैनी कोतवाली क्षेत्र के बिजलीपुर गांव का है. एक परिवार की मांग पर डीएम सुजीत कुमार ने तीन सदस्यों की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. टीम में 3 डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी हैं, जो शव को कब्र से निकालकर नमूने को लेकर फोरेंसिक जांच कराएंगे. बता दें कि सैनी कोतवाली के बनपुकरा गांव के पास 20 दिन पहले 11 जून को ट्रेन हादसे में एक युवक की मौत हो गई थी. उस समय उसकी पहचान को लेकर असमंजस रहा था.
इसके बाद बिजलीपुर गांव के सब्बीर अहमद ने उसे अपना बेटा रमजान बताकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया था. वहीं अब दूसरा परिवार फतेहपुर जनपद के धाता निवासी उसे अपना बेटा सूरज बता रहा है. फतेहपुर के धाता निवासी संतराज ने अपने बेटे सूरज का शव बताकर जांच की मांग की. कब्र में दफन लाश किसकी है, यह पता लगाने के लिए डीएम सुजीत कुमार ने पुलिस से जांच रिपोर्ट तलब की, जिसमें पुलिस अधिकारियों ने शव को बिना कब्र से बाहर निकाले सत्यता की जांच में असमर्थता जाहिर की. रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने टीम गठित कर जांच का आदेश दिया.
संतराज के दावे की हकीकत जानने के लिए शनिवार को शव निकाला जाना था, लेकिन समाधान दिवस होने के चलते खुदाई नहीं की जा सकी. रविवार को कब्र की खुदाई की गई. तीन डॉक्टरों का पैनल शव का परीक्षण करेगा. इसके बाद शव में यदि खून आदि के सैंपल मिले तो कोशिश की जाएगी कि स्थानीय स्तर पर पहचान हो जाए. इसके बाद भी यदि पहचान का संकट हुआ तो डीएनए टेस्ट के लिए नमूने लिए जाएंगे. डीएनए टेस्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि शव सूरज का है या रमजान का.
सिराथू क्षेत्राधिकारी कृष्ण गोपाल सिंह ने बताया कि 11 जून को एक डेड बॉडी रेलवे ट्रैक पर मिली थी, उसमें हम लोगों ने नियमानुसार कार्रवाई कराते हुए शव मोर्चरी में रखवा दिया था, उसकी पहचान नहीं हो पाई थी. इसी दौरान 14 जून को मंझनपुर थाना क्षेत्र के एक मुस्लिम परिवार ने युवक की पहचान की, इसके बाद शव उसके सुपुर्द कर दिया गया था. उसी समय उसका अंतिम संस्कार किया गया था. इसी बीच 12- 13 दिन बाद फतेहपुर के परिवार ने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें अपने डेड बॉडी पर क्लेम किया गया.