बंपर कमाई का हिट फॉर्मूला: छोटी पूंजी में शुरू करें ये करोबार, महीने में होगा 50 हजार तक का फायदा

Update: 2020-12-02 06:01 GMT

नई द‍िल्‍ली: मौजूदा हालात को देखते हुए अगर हम बात करें तो बहुत सी कंपनियों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है। लोगों की नौकरियों से भी हाथ थोना पड़ा है। कई सेक्टर्स पूरी तरह डूब गए। ज्यादातर लोग आज इस चिंता में डूबे हैं कि उनका काम-काज कैसे चलेगा। लेकिन, कई सेक्टर्स या उद्योग ऐसे हैं, जहां संभावनाओं की कमी नहीं है। आज हम आपको अपने खबर के जर‍िए एक ऐसे करोबार के बारे में बताएंगे ज‍िसमें छोटी पूंजी लगाकर अच्‍छी कमाई की जा सकती है।

प्रदूषण जांच केंद्र के बिजनेस आई काफी तेजी: जब से नया मोटर व्हीकर एक्ट लागू हुआ है, प्रदूषण जांच केंद्र का कारोबार तेजी से बढ़ा है। अब हर व्यक्ति अपने वाहन की प्रदूषण जांच करवा रहा है। ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र खोल कर मोटी कमाई की जा सकती है। इसे खोलना काफी आसान है। आपको मालूम होगा कि इस सर्टिफिकेट के नहीं होने पर आपको 10 हजार रुपए जुर्माना देना पड़ता है। इस वजह से तेजी से लोग ये प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। तो चलि‍ए हम आपको प्रदूषण जांच केंद्र के बारे में सबकुछ बताएंगे ताकि इसे खोलकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
रोजाना कर सकते हैं अच्‍छी कमाई: अगर आप इस बि‍जनेस आइड‍िया में हाथ आजमाना चाहते है तो बता दें कि इस बिजनेस को कम लागत में शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही इसमें पहले ही दिन से आपकी कमाई शुरू हो जाती है। एक अनुमान के तौर पर इससे रोजाना 1-2 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं। मतलब महीने में आप 30 हजार से 50 हजार रुपए तक कमा सकते हैं।
कैसे शुरू कर सकते हैं ये बिजनेस: इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (आरटीओ) से लाइसेंस लेना होगा। नजदीकी आरटीओ ऑफिस में इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। प्रदूषण जांच केंद्र कहीं भी पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के आसपास खोला जा सकता है। आवेदन करने के साथ ही 10 रुपए का एफिडेविट देना होगा। एफिडेविट में टर्म एंड कंडीशन भी लिखनी होती हैं। लोकल अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। कुछ राज्यों में ऑनलाइन अप्लाई करने की भी सुविधा है। ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए https://vahan.parivahan.gov.in/puc/ पर जाकर रजिस्टर करना होगा।
कहां कितनी फीस: प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए फीस हर राज्य में अलग-अलग है। इसलिए आवेदन के वक्त ही आरटीओ ऑफस से इसे पता लगाया जा सकता है। जहां तक दिल्ली एनसीआर की बात है तो एप्लीकेशन फीस, 5000 रुपए (सिक्योरिटी डिपॉजिट) इसके साथ सालाना फीस 5000 रुपए कुल म‍िलाकर 10000 रुपए की जरुरत होगी
इन बातों का भी रखें ध्यान: आपको बता दें प्रदूषण जांच केंद्र को गाड़ी के पॉल्यूशन चेक पर प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होगा। इस सर्टिफिकेट में सरकारी स्टीकर होना जरूरी है। इसके बिना ये मान्य नहीं माना जाएगा। प्रदूषण जांच केंद्र को सभी गाड़ियों की डिटेल्स एक साल तक अपने सिस्टम में रखना जरूरी है। पीयूसी का लाइसेंस जिसके नाम पर है, सिर्फ उसी व्यक्ति के पास इसे ऑपरेट करने का अधिकार होगा। इसके अलावा किसी और के ऑपरेट करने पर कार्रवाई की जा सकती है।
केंद्र खोलने के लिए क्या चाहिए: प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सबसे जरूरी कंप्यूटर, यूएसबी वेब कैमरा, इंकजेट प्रिंटर, पावर सप्लाई, इंटरनेट कनेक्शन, स्मोक एनालाइजर है। यह सभी लाइसेंस फीस से अलग खर्च में जोड़ा जाता है।
कैसे मिलता है लाइसेंस: प्रदूषण जांच केंद्र को किसी भी पेट्रोल पंप या ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के पास खोला जा सकता है। प्रदूषण जांच केन्द्र खोलने के लिए रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (आरटीओ) से लाइसेंस लेना होता है। इसके लिए दो तरह से आवेदन किया जा सकता है। पहला तरीका है कि आरटीओ ऑफिस जाकर आवेदन किया जाए। कई राज्यों में आरटीओ अब ऑनलाइन भी इसके लिए लेने लगे हैं, ऐसे में इन राज्यों में ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए योग्यता: बता दें कि अगर आप प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहते है तो उसके लिए आपके पास ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, डीजल मैकेनिक्स या फिर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से प्रमाणित सर्टिफिकेट होना चाहिए।


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