अहमदाबाद: अरब सागर के मरीन नेशनल पार्क में स्थित पिरोटन द्वीप पर गुजरात सरकार के प्रशासन ने लगभग 4,000 वर्ग फीट में फैले अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी है. जामनगर के पुलिस अधीक्षक प्रेमसुख डेलू ने कहा, 'कार्रवाई मुख्य रूप से अवैध धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ की जा रही है. द्वीप को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं. पिरोटन द्वीप देश की सुरक्षा और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार की इस सख्त कार्रवाई का उद्देश्य इन चिंताओं को दूर करना है.'
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने ऐसे अवैध कब्जों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. पिरोटन द्वीप पर करीब 4000 वर्ग फीट में फैले अवैध अतिक्रमण को हटा दिया गया है. प्रशासन ने कम से कम अवैध 9 मजारों और दरगाहों पर बुलडोजर चलाया. पिरोटन द्वीप के पास 5 एसपीएम (Single Point Mooring) स्थित हैं. ये देश की 60% कच्चे तेल की आपूर्ति करते हैं. पिरोटन समुद्री राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा. यहां अवैध अतिक्रमण के कारण प्रवाल जैसे समुद्री जीवन को काफी नुकसान हो रहा था.
अतिक्रमण के कारण लोगों की आवाजाही बढ़ने से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर मुद्दे उत्पन्न हो रहे थे. इस स्थान के एनडीपीएस (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) से संबंधित गतिविधियों का केंद्र बनने का खतरा था. अतिक्रमण के कारण समुद्री वनस्पति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंच रहा था. इस अतिक्रमण के कारण अवैध आवाजाही से जीएसएफसी (Gujarat State Fertilizers & Chemicals Limited), रिलायंस, नयारा एनर्जी, एयर फोर्स बेस, नेवी बेस जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों और संस्थानों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया था.
गुजरात सरकार की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा, समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और पिरोटन द्वीप के आसपास के औद्योगिक और रणनीतिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह कदम इस महत्वपूर्ण स्थान की पारिस्थितिक और रणनीतिक अखंडता को बहाल करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.