जहांगीरपुरी पर चला बुलडोजर, जूस दुकान वाले गणेश गुप्ता भी मुआवजे के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
नई दिल्ली: एमसीडी ने रेहड़ी पटरी समेत तमाम अस्थाई दुकानों को बुधवार को तोड़ दिया था. इसमें गणेश गुप्ता की जूस की दुकान भी शामिल थी. अब गणेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और मुआवजा दिलाने की मांग की है. उन्होंने दावा किया है कि NDMC ने उन्हें वेंडर लाइसेंस जारी किया था. इसी के बाद वे दुकान चला रहे थे. लेकिन उन्हें बिना कोई नोटिस दिए हुए, उनकी दुकान को तोड़ दिया गया. इतना ही नहीं गणेश ने कोर्ट से मांग की है कि अवैध संपत्तियों की पहचान के लिए एमसीडी को एक नोडल अधिकारी तैनात करना चाहिए.
क्या है मामला, अब तक क्या क्या हुआ ?
- दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल यानी हनुमान जयंती के दिन हिंसा फैली थी.
- इस मामले में क्राइम ब्रांच की 14 टीमें जांच में जुटी हैं. 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
- उधर, बीजेपी ने एमसीडी से मांग की थी कि हिंसा के आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जाए. जैसा यूपी, एमपी और गुजरात में किया गया.
- बीजेपी की इस मांग के बाद एमसीडी ने आदेश जारी कर कहा कि वह जहांगीरपुरी में अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ 20 और 21 अप्रैल को अभियान चलाएगा. हालांकि, एमसीडी ने अपने आदेश में जहांगीरपुरी हिंसा का जिक्र नहीं किया. हालांकि, यह अभियान जहांगीरपुरी हिंसा वाली जगह पर ही होना है.
- एमसीडी ने बुधवार सुबह करीब 10 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान की शुरुआत की. हालांकि, थोड़ी देर बाद ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई रोकने का आदेश दे दिया.
- हालांकि, एमसीडी आदेश न मिलने का दावा करते हुए करीब 2 घंटे तक तोड़फोड़ अभियान चलाती रही.
- एमसीडी करीब दो घंटे तक जहांगीरपुरी में अभियान चलाती रही. हालांकि, बाद में एमसीडी ने कहा, हमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिल गया है. हमने कार्रवाई रोक दी है.