ग्राम पंचायत भवन पर भैंसों का डेरा, दबंग ने बना डाला तबेला, कोई कुछ नहीं कर पा रहा

जानें पूरा मामला।

Update: 2022-03-28 03:48 GMT

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कैमूर: बिहार में हाल ही में पंचायत चुनाव के बाद कई गांवों में नए जनप्रतिनिधि चुने गए हैं. कोई मुखिया बना है, कोई सरपंच और कोई वार्ड पार्षद. गांव की सरकार चलाने के लिए बिहार सरकार की तरफ से हर जगह ग्राम कचहरी भवन बनवाए गए हैं जहां सरपंच बैठकर ग्रामीणों के विवाद को सुलझाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार के कैमूर में एक ऐसी ग्राम कचहरी है, जहां सालों से बेजुबान जानवर यानी भैंस, बैल और उनके बच्चे इंसाफ करते हैं.

यह सुनने में आपको अटपटा लग रहा होगा, लेकिन ये पूरी तरह सच है क्योंकि वहां ऐसा हो रहा है. मामला कैमूर के दुर्गावती प्रखंड के खड़सरा पंचायत भवन सह ग्राम कचहरी का है जहां लोगों को यह नजारा देखने को मिलता है.
यहां एक दबंग परिवार ने पूरे पंचायत भवन को तबेले में तब्दील कर दिया है जहां जाने पर आपको सिर्फ गोबर की महक और जानवरों की चहलकदमी दिखेगी. सरकारी ग्राम कचहरी और पंचायत भवन में राज्य सरकार ने सभी सुविधाएं दे रखी हैं, लेकिन दिन हो या रात वहां भैंसों का कब्जा रहता है.
रिपोर्ट के मुताबिक इन जानवरों का मालिक काफी दबंग है. इस परेशानी से निजात पाने के लिए प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन को ज्ञापन भी दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
पंचायत के सरपंच विकास कुमार सिंह द्वारा पहले भी दुर्गावती अंचलाधिकारी समेत कैमूर जिला पदाधिकारी को मौखिक और लिखित रूप से सूचना दी गई, लेकिन आज तक पंचायत भवन अतिक्रमण से मुक्त नहीं हुआ.
स्थिति ये है कि इस साल 26 जनवरी को डर के मारे वहां कोई ग्रामीण नहीं पहुचा और तबेला बन चुके पंचायत भवन में जैसे-तैसे ध्वाजारोहण किया गया. पंचायत भवन में होने वाली आम सभा में सभी पंच और वार्ड सदस्य डर के मारे भाग नहीं लेते हैं. चारों तरफ जानवरों का जमावड़ा रहता है और उन्हें कोई भगा नहीं सकता, क्योंकि पूरे जमीन पर दबंग का कब्जा है.
स्थानीय दबंगों ने खड़सरा पंचायत भवन और ग्राम कचहरी प्लाट नंबर 1135 और 1136 खाता संख्या 307 , रकबा 32 , डिसमिल है. जिस पर सालों से कब्जा किया हुआ है. इस पूरे मामले में जब सीओ से पूछा गया, तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
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