BSF को 3 राज्यों में मिले ज्यादा अधिकार, क्यों मचा है बवाल?

Update: 2021-10-14 05:08 GMT

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से सियासी घमासान शुरू हो गया है. इस बार पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) आमने-सामने आ गए हैं. दोनों के बीच बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी BSF को ज्यादा अधिकार दिए जाने को लेकर तनातनी हो गई है. एक ओर सीएम चन्नी ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर जहां सवाल उठाए हैं तो दूसरी ओर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया है.

दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पंजाब बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ का दायरा बढ़ा दिया है. बीएसएफ अब पाकिस्तान से लगी सीमा (Pakistan Border) पर भारतीय इलाके के अंदर 50 किलोमीटर तक कोई भी कार्रवाई कर सकेगी. अब बीएसएफ को तलाशी लेने, संदिग्ध की गिरफ्तारी करने और जब्ती करने का अधिकार दे दिया गया है. पहले बीएसएफ 15 किलोमीटर तक ही कार्रवाई कर सकती थी.
लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले का पंजाब में विरोध शुरू हो गया है. कई राजनीतिक पार्टियों ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाए हैं. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार का ये फैसला संघीय ढांचे पर सीधा हमला है. बीएसएफ को 50 किमी तक कार्रवाई का अधिकार देने का फैसला तर्कहीन है. मैं गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से अनुरोध करता हूं कि वो इस फैसले को वापस लें.'
वहीं, डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने भी इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से इस फैसले को वापस लेने का आग्रह करता हूं. मुझे समझ नहीं आता कि सरकार के दिमाग में क्या चल रहा है. ये हमारे अधिकारों पर हमला है.' रंधावा ने केंद्र के इस फैसले को तर्कहीन बताया है.
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने सुरक्षाबलों को राजनीति में न घसीटने की बात कही है. मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर कैप्टन के बयान का जिक्र करते हुए बताया 'हमारे जवान कश्मीर में शहीद हो रहे हैं. हम देख रहे हैं कि पंजाब में पाकिस्तान समर्थित आतंकी हथियार और ड्रग्स भेज रहे हैं. ऐसे में बीएसएफ की मौजूदगी और बढ़ी हुई शक्तियां हमें मजबूत बनाएंगी.' कैप्टन ने ये भी कहा कि जब भारत की सुरक्षा की बात आती है तो हमें राजनीति से ऊपर उठना होगा.
इसी मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) अपनी ही पार्टी को घेरते हुए दिखे. उन्होंने ट्वीट किया, 'सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को कुछ मांगने से पहले सोचना चाहिए कि वो क्या मांग रहे हैं. पंजाब का 25 हजार वर्ग किमी हिस्सा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गया है. पंजाब पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.'
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने इस फैसले के पीछे केंद्र और राज्य सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ये संभव ही नहीं है कि केंद्र इतना बड़ा फैसला बिना राज्य की सहमति से कर ले. उन्होंने आरोप लगाते हुए कि चन्नी और उनके सहयोगी अब इसलिए शोर मचा रहे हैं ताकि इस फैसले के पीछे भागीदारी को छिपा सकें. बादल ने कहा कि पिछले हफ्ते अचानक ही मुख्यमंत्री चन्नी ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और इसी बैठक ने इस फैसले का रास्ता साफ कर दिया था.
हालांकि, सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सीएम चन्नी ने केंद्र के सामने न तो ऐसा कोई मुद्दा उठाया और न ही बीएसएफ के अधिकारों को बढ़ाने के लिए कहा.


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