सिर कुचलकर युवक की बेरहमी से हत्या, परिजनों ने वकीलों पर लगाया आरोप

मामलें में जांच जारी

Update: 2023-03-19 17:29 GMT
पन्ना। पन्ना जिले में एक युवक की सिर कुचली लाश मिली थी। परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई थी। उनका आरोप था कि दो वकीलों ने उसे पीटा फिर हत्या कर लाश सड़क पर फेंक दी। परिजन उसके दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग को लेकर अड़े थे। उनकी मांग दी कि जब तक हमें न्याय नहीं मिलता तब तक हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। 24 घंटे बाद पुलिस ने युवक का दोबारा पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद परिजन अंत्येष्टि के लिए मान गए।
घटना दुबेलिया गांव के पास कुड़ार गांव की है। शनिवार को यहां एक 28 साल के युवक का शव बरामद किया गया था। थाना प्रभारी शक्ति पांडेय ने बताया था कि सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई है। उसका सिर बुरी तरह कुचला था। इससे उसकी शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। आसपास ग्रामीण क्षेत्रों से संपर्क किया गया। वाहन की तलाश की गई। घटनास्थल पर कोई वाहन नहीं मिला। इसके बाद युवक को पोस्टमार्टम कराया गया। शव के फोटो खींचे गए। फोटो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किए। तस्वीर वायरल होने के कुछ घंटे बाद परिजन थाने पहुंचे, और कहा कि शव उनके बेटे लक्ष्मी प्रसाद का है। वह शुक्रवार को पेशी पर पन्ना न्यायालय गया था। पुलिस ने जरूरी कार्रवाई पूरी कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया और अंतिम संस्कार करने के लिए कहा। लेकिन जब परिजन शव लेकर गांव पहुंचे और शव की स्थिति देखी तो उन्होंने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। साथ ही दो वकीलों पर हत्या का आरोप लगाकर दोबारा पोस्टमॉर्टम कराए जाने की बात कहने लगे। इस बीच पुलिस रात भर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाती रही। जब नहीं माने तो रविवार को सुबह शव को दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया।
युवक की मां वैसखिया वर्मा ने बताया कि बहू का एक साल से केस चल रहा था। 16 मार्च को पेशी थी। हमारे वकील ने धारा 124 के तहत पैसे देने की बात कही। इस पर बहू के वकील धारा 125 के तहत रुपए मांगने लगे। दोनों के बीच जज के सामने विवाद होने लगा। इसके बाद हमारे वकील ने कहा कि कल 11 बजे आ जाना। तब हमारा वकील दिलीप चौरसिया दूसरे केस में पेशी कराने चला गया। तभी श्रीभान ने गाली देते हुए कहा-पैसे कैसे नहीं देगा। तभी मेरे बेटे ने कहा कि मेरे से बात नहीं करो। मेरे वकील से बात करो। तभी गिरजाशंकर शुक्ला ने मारपीट शुरू कर दी। इतने में दूसरे वकील भी आ गए। उन्होंने मेरे बेटे को लात-घूसों से पीटा। तब हम पहुंचे तो किसी तरह उसे छुड़ाया। फिर वकील थाने पहुंच गए। इसके बाद वह बचने के लिए कही चला गया। अगले दिन हमें देवेंद्र नगर थाने में उसका शव मिला।
मामले में एसडीओपी बीएस बरीबा का कहना है कि शनिवार को देवेंद्र नगर थाना क्षेत्र में बीच रोड पर युवक का शव मिला था, जिसका सिर कुचला हुआ था। पोस्टमॉर्टम के बाद फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। बाद में मां, बहन पिता ने चौकी पहुंचकर पहचान की थी। चूंकि पहले वह अज्ञात था। इसलिए पीएम करा लिया गया था। डॉक्टरों ने मृत्यु का कारण सिर में चोट लगना बताया था। परिजनों को शंका थी कि हमारे सामने पीएम नहीं कराया गया। वे दोबारा पीएम कराने चाहते थे। पूर्व में उनका वकीलों से विवाद हुआ था तो हमें आवेदन दे दें, हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।
बहन बोलीं- मरने से पहले आया था भाई का फोन
युवक लक्ष्मी प्रसाद की बहन प्रीति वर्मा ने आरोप लगाया है कि उसके भाई की हत्या हुई है। 16 मार्च को भाई की पेशी थी। जहां वकीलों गिरजाशंकर शुक्ला और श्रीभान पटेल ने मारपीट की। तब से वह गायब था। अगले दिन शनिवार को पता चला कि भाई का मर्डर हो गया है। हमें देवेंद्र नगर थाने से बॉडी दे दी गई। घर आकर देखा तो बॉडी की हालत बहुत खराब थी। पुलिस अंतिम संस्कार का दबाव बना रही है। मौत से पहले भाई का चाचा के पास फोन आया था और कहा था 'मेरी जान का खतरा है। मुझे ले चलो।' हमें न्याय चाहिए। दोनों वकीलों की गिरफ्तारी होने तक हम शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
भतीजे ने फोन पर कहा था मेरी जान को है खतरा
युवक के चाचा बिट्टू चौधरी ने कहा कि भतीजे का 7 बजकर 12 मिनट पर फोन आया था। उसने कहा कि मेरी जान को खतरा है, आप मुझे ढाबा लेने आ जाओ। उसने यह नहीं बताया था कि कौन सा ढाबा है। मैं उसे ढूंढते हुए एक ढाबे पर पहुंचा। जब वहां गया तो वह नहीं मिला। मैंने फोन लगाया तो फोन की 2 घंटियां बजी। इसके बाद फोन बंद आने लगा। हमने पन्ना जाकर गुमशुदगी दर्ज कराने की कोशिश भी की थी, लेकिन केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद पता चला कि उसका शव रोड पर पड़ा मिला है। देवेंद्र नगर थाने गए तो वहां कहा गया कि उसका पोस्टमॉर्टम हो गया है। परिजनों के बिना कैसे पोस्टमॉर्टम करा दिया गया।
युवक शराब के नशे में गाली गलौच कर रहा था: गिरजाशंकर शुक्ला
एडवोकेट गिरजाशंकर शुक्ला ने बताया कि श्रीभान पटेल मेरा जूनियर एडवोकेट है। वह इस मामले में पेशी करवाने के लिए गया था। मैं दूसरी जगह गवाही करवा रहा था। इसी बीच पता चला कि युवक द्वारा मेरे जूनियर से विवाद किया जा रहा है। तब मैं भी मौके पर पहुंच गया, और देखा कि युवक शराब के नशे में है। वह गाली गलौज कर रहा था। हमने मना किया लेकिन वह नहीं माना। इतना ही नहीं वह मेरे जूनियर को कोर्ट की दूसरी मंजिल से नीचे फेंकने लगा। तब चार पांच वकीलों ने आकर बचाया और इस मामले की लिखित शिकायत हमने सिविल लाइन चौकी में की है। मृतक के परिजनों के आरोप गलत और निराधार है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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