हैदराबाद(आईएएनएस)| भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक पायलट रोहित रेड्डी दूसरे दिन मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में सोमवार को करीब छह घंटे तक पूछताछ करने वाले विधायक अपराह्न् करीब तीन बजे ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे। बीआरएस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि हालांकि उन्हें सुबह 10.30 बजे तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने ईडी अधिकारियों को बता दिया था कि वह दोपहर में पेश होंगे क्योंकि उन्हें अयप्पा पूजा में भाग लेना है।
वह ईडी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेजों और अपने वित्तीय लेनदेन के विवरण के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे। सोमवार रात ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद विधायक ने संवाददाताओं से कहा कि जिस मामले में उन्हें तलब किया गया है, उसके बारे में अब भी कुछ स्पष्ट नहीं है। विधायक ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने उनसे निजी जानकारियां जुटाईं। उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे परिवार के सदस्यों का विवरण भी मांगा। मैंने उनके सभी सवालों का जवाब दिया। ईडी ने अभी तक उस मामले के बारे में स्पष्टता नहीं दी है जिसमें उन्होंने मुझे समन किया है।"
रोहित रेड्डी दोपहर करीब 3 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे। सोमवार को एजेंसी ने मांगी गई जानकारी प्रस्तुत करने के लिए उन्हें समय देने के उनके अनुरोध को ठुकरा दिया। विधायक ने कहा कि चूंकि वह अयप्पा दीक्षा पर हैं, इसलिए उन्होंने 31 दिसंबर तक का समय मांगा लेकिन ईडी के अधिकारी नहीं माने।ईडी ने 15 दिसंबर को दिए अपने नोटिस में रोहित रेड्डी को बैंक खातों, वित्तीय लेनदेन और आयकर रिटर्न के विवरण के साथ पेश होने का निर्देश दिया था।
ईडी का नोटिस कथित तौर पर ड्रग्स मामले से संबंधित जांच में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनसे पूछताछ के लिए है। तंदूर के विधायक बीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त की कथित साजिश में याचिकाकर्ता थे। रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 26 अक्टूबर को मोइनाबाद के एक फार्महाउस से रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदू कुमार और सिंहयाजी स्वामी को गिरफ्तार किया था, जब वे चार बीआरएस विधायकों को भाजपा में शामिल होने के लिए कथित रूप से लुभाने की कोशिश कर रहे थे। रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और अन्य विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये देने की पेशकश की। तेलंगाना सरकार ने 9 नवंबर को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। तीनों आरोपियों को 1 दिसंबर को तेलंगाना उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी।