ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने अक्षरधाम मंदिर में की पूजा-अर्चना, देखें तस्वीरें
संतों से भी की मुलाकात.
नई दिल्ली: दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति।
नंगे पैर चले
जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रविवार को अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। सुनक दंपती करीब 45 मिनट तक मंदिर में रहे। इस दौरान उन्होंने नंगे पैर जाकर मंदिर जाकर भगवान स्वामी नारायण के दर्शन किए और आरती में हिस्सा लिया। दिल्ली पुलिस द्वारा ऋषि सुनक के अक्षरधाम मंदिर दौरे के मद्देनजर मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
ऋषि सुनक जी-20 समिट में शरीक होने के लिए अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ भारत आए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के अंदर और इसके आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलाके में पहले ही बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।
मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि अक्षरधाम मंदिर रविवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता नारायण मूर्ति के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। अक्षरधाम के अधिकारी ज्योतिंद्र दवे ने कहा, "हम ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की यात्रा के लिए तैयार हैं। हम मयूर द्वार नामक मुख्य द्वार पर उनका और उनकी पत्नी का स्वागत करेंगे और उन्हें मुख्य अक्षरधाम मंदिर तक ले जाएंगे। अगर वे आरती करना चाहते हैं तो हम इसकी व्यवस्था करेंगे। हमारे मंदिर में राधा-कृष्ण, सीता राम, लक्ष्मी नारायण, पार्वती परमेश्वर और गणपति के देवता हैं। अगर वे पूजा करना चाहते हैं, तो हम इसकी व्यवस्था करेंगे।''
ऋषि सुनक हिंदू होने पर गर्व
वहीं, अपनी हिंदू जड़ों पर गर्व व्यक्त करते हुए ऋषि सुनक ने शुक्रवार को कहा था कि जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अपने प्रवास के दौरान वह दिल्ली के एक मंदिर में जाएंगे। सुनक ने कहा कि मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं। इसी तरह मेरा पालन-पोषण हुआ है, मैं ऐसा ही हूं। उम्मीद है कि मैं अगले कुछ दिनों तक यहां रहते हुए मंदिर जा सकता हूं। हमने अभी परिवार के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया है, इसलिए मेरी बहन द्वारा बांधी गई सभी राखियां मेरे पास हैं। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी मनाने के लिए मेरे पास समय नहीं था। लेकिन उम्मीद है, जैसा कि मैंने कहा था कि अगर हम इस बार मंदिर जाएंगे तो मैं इसकी भरपाई कर सकता हूं।