Ajmer. अजमेर। अजमेर में कुत्ते को भगाने के लिए एयरगन से चलाई गोली 5 साल के बच्चे को लगी। गोली बच्चे के परदादा ने चलाई थी। गोली बच्चे के पेट में फंसी थी। जेएलएन हॉस्पिटल में चार घंटे ऑपरेशन चला और बच्चे के पेट में फंसी गोली को बाहर निकाला गया। बच्चा अभी आईसीयू में एडमिट है। हालांकि अब उसकी हालत स्थिर है। मामला अजमेर के पीसांगन का 25 जनवरी का है। हॉस्पिटल प्रशासन ने बुधवार को ऑपरेशन की जानकारी दी। प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया- गोली सीने से होते हुए बच्चे के पेट में पहुंच गई थी। फेफड़ों में चोट की वजह से सीने में हवा भर गई थी और सांस लेना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में तुरंत ऑपरेशन किया गया।
मीडिया प्रभारी डॉक्टर अमित यादव ने बताया- बच्चे के घर के आसपास कुत्ते आने से परिजन परेशान थे। 25 जनवरी को बच्चे के परदादा ने कुत्तों को भगाने के लिए घर के बाहर एयरगन से फायर कर दिया था। एयरगन से निकली गोली दीवार से टकराते हुए पोते के पेट में घुस गई। जैसे ही गोली लगी, बच्चा बेसुध हो गया। परिजन उसे अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां उसी दिन उसका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर अमित यादव ने बताया कि इतनी छोटी उम्र में इस तरह का जटिल ऑपरेशन यहां कभी नहीं हुआ था। पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट की एचओडी डॉक्टर गरिमा अरोरा ने बताया- आपातकालीन स्थिति में बच्चे की छाती में आईसीडी डालकर हवा निकाली गई।
तुरंत ऑपरेशन करने पर यह पाया गया कि पूरा पेट खून और पित्त से भरा हुआ था। गोली लिवर, पित्त की थैली और छोटी आंत को चीरते हुए आईवीसी के पास रुक गई, जो मिल नहीं पा रही थी। लगातार खून बह रहा था। डॉक्टर्स की टीम ने जहां गोली फंसी हुई थी, उस जगह को ढूंढा और उसे निकाला। लिवर से बहते हुए खून को रोका और गाॅलब्लैडर को भी निकाला गया। तीन-चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया। नाजुक स्थिति को देखते हुए बच्चे को पीडियाट्रिक सर्जरी आईसीयू में शिफ्ट किया गया। 5 दिन से बच्चा डॉक्टर की टीम की निगरानी में है, लेकिन वह अब स्वस्थ है। हालांकि अभी बच्चे को आईसीयू में ही रखा गया है।