जेल सुरक्षा में सेंध, जेल अधिकारियों के फूले हाथ-पैर

Update: 2023-10-01 18:19 GMT
लुधियाना। ताजपुर रोड की सैंट्रल जेल से आए दिन मोबाइल बरामद होने के चलते जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। ऐसा प्रतीक हो रहा है कि ढीली कार्यप्रणाली के समक्ष कैदी व हवालाती अधिक ताकतवर होते जा रहे हैं, जिसके चलते चैकिंग के दौरान 6 हवालातियों से 5 मोबाइल व 35 पैकेट तंबाकू लावारिस हालत में बरामद होने पर डिवीजन नं. 7 की पुलिस ने सहायक सुपरिटेंडेंटो सुरेंद्र पाल सिंह, अवतार सिंह, हरबंस सिंह की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध प्रिजन एक्ट की धारा के अधीन मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच अधिकारी बिंदर सिंह ने बताया कि नामजद किए गए आरोपियों हवालातियों की पहचान गगनदीप सिंह उर्फ गग्गू, सचिन कुमार उर्फ सचू, पुनीत मलिक उर्फ खफ, अमनप्रीत सिंह उर्फ अमना, नगेंद्र सिंह उर्फ गगी, दीपक कुमार व कैदी परमजीत सिंह के रूप में हुई है।
जेल की सुरक्षा व्यवस्था किस प्रकार की है कि 30 दिनों के भीतर 81 मोबाइल चेकिंग के दौरान बरामद हुए हैं। जेल अधिकारियों के ठोस सुरक्षा प्रबंधों के समय-समय पर किए जाने वाले दांवो के बावजूद भी मोबाइल कैसे पहुंच जाते हैं, समझ से परे है। सैंट्रल जेल में बिना किसी खौफ के प्रतिबंध सामान कैसे पहुंच रहा है। यह सोचने वाली बात है। क्योंकि जेल के अंदर बैठे बंदी मोबाइलों के माध्यम से अपना नेटवर्क चलाकर बाहरी लोगों से संपर्क भी रखते हैं। कई ऐसे कुख्यात किस्म के अपराधी हैं जो मोबाइल के माध्यम से नेटवर्क चला कर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। जिसके खुलासे कई बार स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारी पकड़े गए आरोपियों से करवा चुके हैं। जिनकी सलिपत्ता जेल के बंदियों से जुड़ी हुई थी। इतना कुछ हो जाने के बावजूद भी मोबाइल रोकने की गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाएं जा रहे।
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