मुंबई: मुंबई में बूस्टर डोज लेने वाले 99.93 फीसदी लोगों में हाई एंटीबॉडी पाई गई है. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की ओर से किए गए सीरो सर्वे में इसका खुलासा हुआ है. सर्वे में हेल्थ और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया था जिनमें एंटीबॉडी की मात्रा की जांच की गई. सर्वे में शामिल 3,099 फ्रंटलाइन कर्मचारियों में से 99.93% में एंटीबॉडी का पता चला. सर्वे मार्च 2022 में किया गया था जिसकी रिपोर्ट बुधवार को आई.
BMC की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सर्वे के निष्कर्ष वैक्सीनेशन के फायदों पर जोर देते हैं. सर्वे में शामिल किए गए फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की औसत आयु 43 साल थी. सर्वे में 57.1% पुरुष और 49.9% महिलाएं शामिल थीं.
BMC के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी एग्जिक्यूटिव हेल्थ अफसर डॉक्टर दक्षा शाह ने कहा कि पहले पांच सीरो-सर्वेक्षण गुणात्मक थे, जिसका उद्देश्य ये पता लगाना था कि एंटीबॉडी मौजूद थे या नहीं. यह सर्वेक्षण मात्रात्मक था. इसका मतलब एंटीबॉडी की सीमा का पता लगाना था. उन्होंने कहा कि एंटीबॉडी की संख्या जितनी अधिक होगी, कोरोना संक्रमण से सुरक्षा उतनी ही अधिक होगी.
उन्होंने बताया कि 3,099 हेल्थ और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के नमूने सर्वे के लिए लिए गए थे. इनमें से 99.35% लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है. 96.7% विषयों को कोविशील्ड का टीका लगाया गया है जबकि 3.3% को को लवैक्सिन का टीका लगाया गया है. कुल फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं में से 36.5% ने बूस्टर डोज ली थी. पिछले दो साल में 15.9% फ्रंटलाइन कार्यकर्ता ही कोरोना संक्रमित हुए हैं.
निष्कर्षों से पता चला कि जिन फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को टीका लगाया गया है उनमें एंटीबॉडी की संख्या अधिक है. इसके अलावा जिन लोगों ने बूस्टर डोज लिया है, उनमें डबल वैक्सीनेटेड के मुकाबले एंटीबॉडी की संख्या अधिक है. रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि जो लोग पिछले दो साल में कोरोना संक्रमित थे, उनमें भी एंटीबॉडी की संख्या अधिक थी.
डॉ शाह ने कहा कि सर्वे का निष्कर्ष वैक्सीन लेने के महत्व पर जोर देते हैं. इसके अलावा बूस्टर डोज लेने के महत्व पर भी जोर देते हैं. बता दें कि 16 जनवरी 2021 को बीएमसी ने हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए टीकाकरण शुरू किया था. कोरोना की दूसरे डोज लेने के 9 महीने बाद बूस्टर डोज लिया जा सकता है.