उड़ते विमानों में बम की धमकियां, सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप, इमरजेंसी लैंडिंग करवाने पर बहुत खर्चे

विमानन कंपनियों को भारी नुकसान.

Update: 2024-10-19 08:20 GMT

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: विमान कंपनियों को बम की धमकी मिलने का सिलसिला जारी है. शनिवार को एक बार फिर से 10 अलग-अलग फ्लाइट्स में बम रखने की धमकी मिली है जिसके बाद एविएशन सेक्टर में हडकंप मच गया. इनमें पांच फ्लाइट इंडिगो और पांच फ्लाइट अकासा एयरलाइंस की हैं.
इंडिगो ने अपनी दो फ्लाइट्स को लेकर बयान जारी किया है. एक बयान में इंडिगो ने कहा, 'मुंबई से इस्तांबुल के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट 6E 17 से जुड़ी स्थिति से अवगत हैं. हमारे यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं.'
वहीं दूसरे बयान में इंडिगो ने कहा, 'हम दिल्ली से इस्तांबुल के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट 6E 11 से जुड़ी स्थिति से वाकिफ हैं. हमारे यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम सभी आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं.'
आपको बता दें कि सोमवार से अब तक भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित लगभग 70 उड़ानों में बम होने की धमकियां मिली थीं, हालांकि बाद में ये सभी झूठी साबित हुईं. इस वजह से उड़ानों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा व उनके समय बदलना पड़ा.
नागर विमानन मंत्रालय, विमानन कंपनियों को मिल रहीं बम की झूठी धमकियों की घटनाओं को रोकने के लिए अपराधियों को ‘नो-फ्लाई’ सूची में डालने समेत सख्त नियम लागू करने की योजना बना रहा है. इस सूची का मकसद उपद्रवी यात्रियों की पहचान करना और उन्हें विमान में चढ़ने से प्रतिबंधित करना है.
विमानन कंपनियों को भारी नुकसान
भारत में पिछले कुछ दिनों से लगातार शरारती तत्‍व किसी विमान में बम रखे होने की झूठी कॉल करके विमानन कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. लगभग 40 उड़ानों को बम की धमकियां मिली अब तक मिल चुकी हैं. हालांकि जांच में ये सभी झूठी साबित हुईं. लेकिन, बम होने की इन झूठी सूचनाओं ने एयरलाइन कंपनियों को 60-80 करोड़ रुपये की चपत लगा दी है. दरअसल, किसी विमान में बम होने की सूचना मिलने पर फ्लाइट को अपने निर्धारित एयरपोर्ट की बजाय नजदीकी हवाई अड्डे पर उतारा जाता है. इससे ईंधन की खपत तो ज्‍यादा होती ही है, विमान की जांच करने, यात्रियों को होटलों में ठहराने और उन्‍हें उनके गंत्‍वय तक पहुंचाने के लिए विमान की व्‍यवस्‍था करनी पड़ती है. इन सब पर करीब तीन करोड़ रुपये तक खर्च हो जाते हैं.
इमरजेंसी लैंडिंग करवाने के कारण और भी अन्य खर्चे विमान कंपनी के खाते में आ जाते हैं. जैसे कि एयरपोर्ट पर विमान का पार्किंग शुल्क देना पड़ता है, किसी यात्री की अगर कोई कनेक्टिंग फ्लाइट होती है तो उसका मुआवजा एयरलाइन को यात्री को देना पड़ता है और अतिरिक्‍त क्रू मैंबर्स को ड्यूटी पर लगाना पड़ता है. जब किसी फ्लाइट को बम की धमकी मिलती है, तो गंतव्य हवाई अड्डा विमान को हवा में होल्ड करने या वैकल्पिक हवाई अड्डे पर उतरने का निर्देश दे सकता है. इससे अतिरिक्त ईंधन की खपत होती है, जो एयरलाइन के लिए महंगा साबित होता है. एक फ्लाइट के लिए हर घंटे ईंधन की लागत लाखों रुपये तक पहुंच सकती है.
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