ब्लैकमेलर गिरोह का भंडाफोड़, प्रोफ़ेसर की शिकायत पर इंजीनियरिंग के 3 छात्र गिरफ्तार
खुलासा
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में साइबर क्राइम पुलिस ने लड़की की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों से पैसों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने 3 शातिर अपराधियों को गिरफ़्तार किया है. पकड़े गए आरोपी यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलावा उत्तराखंड में भी लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. दरअसल, बीते 19 मई को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर द्वारा साइबर क्राइम थाना पुलिस को सूचना दी गई थी कि साइबर ठगी करने वाले लोग उन्हें फ़र्ज़ी वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रहे हैं. प्रोफ़ेसर से ये लोग 3 लाख रुपये अभी तक ऐंठ चुके थे. साथ ही और रुपयों की मांग कर रहे थे. इस बात की जानकारी उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस को दी. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 384,419,420 और आईटी एक्ट 66D,66E, के तहत मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी.
पुलिस द्वारा मामले की विवेचना जब शुरू की गई तो प्रथम दृष्टया पुलिस को ये पता चला कि ये गिरोह यूपी के झांसी ज़िले से संचालित किया जा रहा है. सभी सबूतों को एकत्रित करने के बाद पुलिस ने झांसी निवासी अशफ़ाक़ ख़ान, मोहम्मद जावेद ख़ान व मोहम्मद शोएब को गिरफ़्तार कर लिया. पकड़े गए तीनों अभियुक्तों के पास से मोबाइल, बैंक खातों का विवरण, चेकबुक व इंटरनेट संबंधी कई अन्य सामान भी बरामद हुआ है.
पुलिस द्वारा पूछताछ में पकड़े गए तीनों ही युवकों ने बताया कि वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. अपने शौक़ को पूरा करने के लिए इस प्रकार के अपराध को अंजाम दे रहे थे. अभी तक ये लोग कई प्रदेशों से लोगों को ठग चुके हैं. आरोपियों ने लाखों रुपयों की ठगी की है. पुलिस अब इस मामले में ये पता लगाने में जुट गई है कि कहां और कितने लोगों को इन लोगों ने ठगी का शिकार बनाया है.
पूछताछ के दौरान पुलिस को इन युवकों ने बताया कि वे सबसे पहले लड़की के नाम से फ़र्ज़ी आईडी अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बनाते थे. उसके बाद वह उस आईडी पर अश्लील व आपत्तिजनक फ़ोटो लगाते थे. उसी सोशल मीडिया आईडी से लोगों से चैट करते हुए वह उनके व्हाट्सएप नंबर लेकर उनके साथ अश्लील वीडियो चैट/कॉल शुरू कर देते थे. जिसके स्क्रीन शॉट व वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद कॉलर को ब्लैकमेल करने का काम शुरू होता था. सीधे तौर पर पैसे की मांग होती थी नहीं देने पर आपत्तिजनक वीडियो को वायरल करने की धमकी देने लग जाते थे. इन्हीं में से कुछ लोग आईटी हेड, सोशल मीडिया मैनेजर बनकर लोगों को डराने का काम करते थे जिससे कि वह पैसे खाते में ट्रांसफर कर दें.