खून का काला कारोबार, गिरोह का पर्दाफाश हुआ

Update: 2022-05-23 02:30 GMT

देवघर: झारखंड के देवघर सदर अस्पताल में ब्लड के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है. यहां खून के नाम पर ढाई तीन हजार रुपए में कुछ और बेचा जा रहा है. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब थैलेसीमिया से पीड़ित एक बच्ची के परिजन इलाज कराने पहुंचे. उन्हें खून की जरूरत हुई तो ब्लड बैंक पहुंचे. वहां ब्लड नहीं मिला तो एक दलाल ने उन्हें 3 हजार रुपए में दिलाने की बात कही. परिजन ने ढाई हजार रुपए में खरीदा. इसके बाद डॉक्टरों ने देखा तो उन्होंने बताया कि वह ब्लड नहीं, कुछ और है. उसे चढ़ाने से जान भी जा सकती है. फिलहाल पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.

जानकारी के अनुसार, बिहार के दिनेश यादव नामक व्यक्ति अपनी बहन की बेटी शिवानी कुमारी का इलाज कराने देवघर पहुंचा था. शिवानी को थैलेसीमिया है, जिसके कारण शिवानी को उसके परिजन हर तीन महीने में इलाज कराने देवघर सदर अस्पताल आते हैं. उसे एक यूनिट ब्लड की भी जरूरत पड़ती है. ब्लड की खरीद बिक्री नहीं होती, लेकिन देवघर में ब्लड का कारोबार जोरों से चल रहा है.
पहले शिवानी के परिजन 3 हजार रुपए में एक यूनिट ब्लड खरीद चुके हैं. इस बार ब्लड के लिए शिवानी के परिजन ब्लड बैंक पहुंचे, लेकिन वहां ब्लड उपलब्ध नहीं होने की बात कह दी गई. उनसे एक दलाल ने ब्लड उपलब्ध कराने की बात करते हुए कहा कि 3 हजार रुपए में हम ब्लड उपलब्ध करा देंगे. इसके बाद शिवानी के परिजन ने 2500 रुपए देकर ब्लड ले लिया.
शिवानी के परिजन ब्लड लेकर देवघर सदर अस्पताल पहुंचे तो वहां के डॉक्टरों ने ब्लड चढ़ाने से मना कर दिया और कहा यह ब्लड नहीं, कोई दूसरी चीज है, इसे चढ़ाएंगे तो बच्ची की जान जा सकती है. इसके बाद भर्ती बच्ची के परिजन ने इसकी शिकायत रेडक्रॉस के निरंजन कुमार से की. नगर थाने में लिखित आवेदन देकर खून का फर्जीवाड़ा करने वाले की शिकायत की. फिलहाल इस पूरे घटना को लेकर देवघर में हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है.
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