भाजपा का 'मिशन ओडिशा': पार्टी की मैराथन बैठक में बीजद को मात देने के लिए बनाई रणनीति
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ओडिशा में राज्य की सभी 21 लोकसभा सीटों और विधानसभा की सभी 147 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। राज्य में पार्टी की विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए भाजपा ने वहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी को विश्वास है कि इस बार ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने जा रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ओडिशा भाजपा कोर कमेटी के नेताओं के साथ मैराथन बैठक कर चुनावी तैयारियों और सीट वाइज विधानसभा उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श किया। बैठक में लोकसभा की बची हुई सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर भी मंथन किया गया।
पार्टी मुख्यालय में गुरुवार देर रात शुरू हुई बैठक आधी रात के बाद तक चली। जेपी नड्डा की अध्यक्षता और अमित शाह की मौजूदगी में सवा पांच घंटे से भी अधिक समय तक चली इस मैराथन बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री एवं ओडिशा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा प्रदेश प्रभारी विजयपाल सिंह तोमर, ओडिशा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल और जुएल ओराम सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए।
गौरतलब है कि ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ गठबंधन की बातचीत सफल नहीं होने के बाद ओडिशा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने 22 मार्च को लोकसभा की सभी 21 सीटों और विधानसभा की सभी 147 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था।
इससे पहले गुरुवार को दिन में ही बीजू जनता दल के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब ने पार्टी के पूर्व सांसद सिद्धांत महापात्रा और डाॅ. दमयंती बेसरा के साथ भाजपा का दामन थाम लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राज्य में नवीन पटनायक की सरकार के कामकाज से निराश बीजद के कई अन्य बड़े नेता भी आने वाले दिनों में भाजपा में शामिल हो सकते हैं।