लखनऊ: बीजेपी की जन विश्वास यात्रा के रथ और उमड़ रही भीड़ के बाद अब पार्टी डिजिटल रथ का सहारा लेने जा रही है. पार्टी के ऐसे रथ यूपी भर में पार्टी के प्रचार के लिए उतारे जाएंगे. कल लखनऊ में रात्रि बैठक कर गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी के प्रचार अभियान का ड्राफ़्ट तैयार करते हुए इस पर चर्चा की.
यूपी में दिन में जनसभा और रात में बैठक की अपनी पुरानी शैली पर लौटे अमित शाह की स्ट्रैटेजी का असर दिखने लगा है. बीजेपी के संगठन और टिकट पर फीड्बैक को अपनी बैठकों में साधने की कोशिश कर रहे अमित शाह ने लखनऊ में रात्रि प्रवास कर बैठक के बाद प्रचार अभियान की रूपरेखा भी तय कर दी है. बीजेपी अब यूपी भर में अपने डिजिटल रथ उतारने के लिए तैयार है. ये रथ हर विधानसभा में घूमेंगे और पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएंगे. कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर और हाल में बढ़े मामलों को देखते हुए भी ये स्ट्रैटेजी महत्वपूर्ण है. वैसे 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के इस तरह के डिजिटल प्रचार का सहारा लिया था, पर इस बार सियासी विरोधियों पर वार और खुद को प्रचार में आगे रखने के लिए ये योजना बनायी गयी है.
अमित शाह ने प्रचार अभियान की दिशा तय की
अमित शाह ने गुरुवार को भाजपा मुख्यालय पर बैठक की. बैठक यूं तो कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की थी पर डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के जरिए प्रचार की चर्चा व्यापक रूप में की गयी. बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह,संगठन महामंत्री सुनील बंसल, यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. बैठक में अमित शाह ने प्रचार अभियान को फाइनल दिशा दी. सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने 'Digital Rath' उतारने की तैयारी पर चर्चा की. ये वो ऑडिओ- वीडियो वाहन होंगे, जो प्रचार के लिए हर विधानसभा में घूमेंगे. इससे केंद्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों का प्रचार किया जाएगा. जानकारी ये भी मिली है कि इसमें हर ज़िले के स्थानीय नेता समय समय पर शामिल होंगे.
डिजिटल रथ के जरिए प्रचार
खास बात ये है कि जिस तरह के रिकॉर्डेड इस तरह के प्रचार रथ पर चलते हैं उसके अलावा पार्टी लाइव भाषण और नेताओं की छोटी सभा का प्रचार भी इससे कर सकती है. इस तकनीक से प्रचार में जहां हो रही है सभा होगी वहां के अलावा आस- पास के कई क्षेत्र में लाइव कनेक्ट बनेगा और कोविड को देखते हुए भीड़ भी ज़्यादा नहीं होगी. आम तौर पर किसी जिले या क्षेत्र में किसी बड़े नेता की सभा होने पर आस-पास के जिलों से भी लोग और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचते हैं जिससे रैली में भीड़ हो जाती है. वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल कहते हैं. डिजिटल माध्यम से प्रचार का फ़ायदा तो बीजेपी पिछले तीन चार चुनाव में उठा चुकी है. टेलिफ़ोन मैसेज,ऑडियो मैसेज तो पहले से ही होते रहे हैं.पार्टी डिजिटल रथ के जरिए प्रचार करके अपने नेताओं की बात और पार्टी के दावों को रि-इंफ़ोर्स कर सकती है.इस मामले में लाइव प्रसारण की योजना भी पार्टी बना सकती है.
कोविड प्रोटोकॉल के लिए महत्वपूर्ण
कोविड के समय में पार्टी के लिए ये प्रचार का ऐसा तरीक़ा होगा जिसमें बड़ी संख्या में लोग न हों और रथ लोगों के बीच पहुँचे.महत्वपूर्ण ये भी है कि पार्टी अभी 'सोच ईमानदार काम दमदार, फिर एक बार भाजपा सरकार' का स्लोगन हर जगह प्रयोग कर रही है. पर जल्द ही इन प्रचार रथों और डिजिटल माध्यम से अन्य प्रचार के लिए नया tagline भी सामने आ सकता है.इसको लेकर भी अमित शाह की मौजूदगी में चर्चा हुई.
दरअसल कल ही चुनाव आयोग ने यूपी का अपना दौरा समाप्त किया और कोविड का पालन कराने को लेकर राजनीतिक दलों से सुझाव मिलने की बात की है.ऐसे में पहले से डिजिटल कैम्पेन को धार दे रही भाजपा ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी थी.पार्टी डिजिटल रैली के विकल्प पर भी दिल्ली में धर्मेंद्र प्रधान के घर बैठक में चर्चा कर चुकी है.कल अमित शाह के कल लखनऊ बैठक में भी इसपर मंथन किया गया.पार्टी की योजना डिजिटल माध्यम से कैम्पेन कर कोविड में अपने प्रतिद्वंदियों से आगे रहने का है तो वहीं पार्टी इस बात को भी प्रचार करना चाहती है कि वो दूसरे दलों से जिम्मेदार है.इस बार का भी बक़ायदा प्रचार किया जाएगा.
कांग्रेस ने की थी शिकायत
भाजपा की रैलियों में बड़ी भीड़ और कोविड का प्रोटोकॉल न होने को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र भेजा है.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा और प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया जैसे नेताओं की तरफ़ से संयुक्त रूप से भारत निर्वाचन आयोग को भेजे गए पत्र में सरकारी खर्चे पर बड़ी रैलियों पर रोक लगाने और भारी भीड़ वाली रैलियों को रोकने की माँग की गयी है.ऐसे में भाजपा की तरफ़ से डिजिटल कैपेंन चलाकर इस माध्यम में भी पार्टी को आगे रखने की क़वायद शुरू हो गयी है.यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक कहते हैं ' चुनाव आयोग ने कह दिया है कि चुनाव तय समय पर होंगे. हम राजनीतिक दल हैं तो अपने अपने प्रचार अभियान को तय करने का अधिकार है.पर हम ज़िम्मेदार पार्टी भी हैं.इसका भी ध्यान रखा जाएगा.' वहीं रतन मणि लाल कहते हैं 'अगर कहीं. बड़ी रैलियों को लेकर कोई फ़ैसला होता है तो बीजेपी पहले से हो डिजिटल प्रचार में आगे रहेगी.इसलिए इसका फ़ैसला पार्टी ने लिया है.'