भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक विजय रूपाणी मुंबई हुए रवाना, देखें VIDEO...
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Gandhinagar. गांधीनगर। महाराष्ट्र के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक विजय रूपाणी मुंबई के लिए रवाना हुए। महाराष्ट्र भाजपा की विधायक दल की बैठक कल सुबह 11 बजे होगी।
महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे भले ही घोषित हो गए हों, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए नाम अभी तक तय नहीं हो पाया है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को बीते रोज ही महाराष्ट्र का ऑब्जर्वर बनाया गया था और 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने महाराष्ट्र को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। विजय रुपाणी ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि 'महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी है। एकनाथ शिंदे ने ही बयान दिया था कि भाजपा का सीएम बने तो मुझे कोई तकलीफ नहीं है। मुझे लगता है कि इस बार बारी भाजपा का सीएम बनने की है, ऐसी संभावना है।'
रुपाणी ने आगे कहा, 'मैं आज शाम को मुंबई जा रहा हूं। निर्मला सीतारमण भी आ रही हैं। कल सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक है। वहां चर्चा कर सर्वसम्मति से नेता का चयन होगा और उसका नाम हाईकमान को बताया जाएगा।' महायुति में सहयोगी शिवसेना और एनसीपी को लेकर विजय रुपाणी ने कहा कि 'तीनों घटक के साथ हाईकमान ने चर्चा की है। सब कुछ सर्वसम्मति से ही होगा।' आपको बता दें कि भाजपा ने विजय रुपाणी और निर्मला सीतारमण को सोमवार की शाम ही महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। भाजपा ने पहले ही एलान कर दिया है कि महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को होना है। इसके लिए मुंबई के आजाद मैदान को चुना गया है। सारी कश्मकश अब बस मुख्यमंत्री चुनने को लेकर ही है। उधर एकनाथ शिंदे ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा था कि राज्य की जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हो रही जद्दोजहद पर कल विराम लग जाएगा। 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण का दावा करने वाली भाजपा के पास अब बस कल का ही दिन शेष है। कल ही मुंबई में महायुति के विधायक दलों की बैठक होनी है और इसी बैठक में राज्य के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार सीएम पद भाजपा अपने पास रखेगी। यह वजह है कि देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे है। लेकिन उपमुख्यमंत्री किसका होगा, इस पर अभी कुछ साफ नहीं है। चर्चा है कि शिवसेना ने अभी तक उपमुख्यमंत्री को लेकर नाम तय नहीं किया है। वहीं अजित पवार की पार्टी एनसीपी के कुछ मंत्रालयों को लेकर अड़ने की भी चर्चा है।