कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। विधानसभा से उनके और भाजपा के चार अन्य विधायकों के निलंबन को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य में 'आपातकाल जैसा माहौल' है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डरी हुई हैं, क्योंकि वह पहली बार लगातार विरोध का सामना कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है।
अधिकारी ने ट्वीट करके कहा, "भारतीय राजनीति के इतिहास का काला अध्याय! इमरजेंसी या आपातकाल के माहोल को याद दिलाता है आज का बंगाल। मुख्यमंत्री पहली बार लगातार विरोध झेलतीं हुईं बौखला गई हैं, इसलिए विरोधियों के आवाज को दबाया है।" उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिवालय से मिले पत्र को भी ट्वीट किया, जिसमें कहा गया है कि उन्हें 28 मार्च से विधानसभा के शेष सत्र तक निलंबित कर दिया गया है, जो 7 मार्च को शुरू हुआ था।
दरअसल, राज्य विधानसभा में बीरभूम घटना को लेकर भारी हंगामा हुआ था। मामला यहां तक बढ़ गया कि सदन के पटल पर टीएमसी और भाजपा विधायकों के बीच झड़प हो गई। टीएमसी के एक विधायक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, उनकी नाक से खून आ रहा था। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया कि टीएमसी और सुरक्षा कर्मियों ने आठ भाजपा विधायकों को घायल कर दिया है।
इसके बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सहित 5 भाजपा विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। अध्यक्ष ने अधिकारी के अलावा भाजपा विधायक दीपक बर्मन, शंकर घोष, मनोज तिग्गा और नरहरि महतो को 2022 के आगामी सभी सत्रों के लिए निलंबित कर दिया है। मालूम हो कि बीरभू जिले के बोगटुई गांव में अज्ञात लोगों ने 21 मार्च को 10 घरों में आग लगा दी थी, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी। विपक्ष ने इस हिंसक वारदात के पीछे टीएमसी नेताओं का हाथ होने का आरोप लगाया है।