BJP नेता शुभेंदु अधिकारी को मिलती रहेगी गिरफ्तारी से सुरक्षा, पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार का तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से बंगाल में बीजेपी के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को गिरफ्तारी से मिली राहत बरकरार रखने का निर्देश दिया है। दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने पिछले साल 6 सितंबर को शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
जिसके बाद बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस बोपन्ना की पीठ ने यह कहते हुए दखल देने से इनकार कर दिया कि यह उसी आदेश के खिलाफ आने वाला दूसरा मामला है।
सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर को भी खारिज कर दी थी याचिका
इससे पहले 13 दिसंबर को भी सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में पश्चिम बंगाल सरकार और एक शिकायतकर्ता द्वारा दायर की गई अपीलों को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि अधिकारी की याचिका पर अंतिम विचार लंबित रहने तक हाई कोर्ट के आदेश को अंतरिम निर्देश के रूप में माना जाए। तब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को हाई कोर्ट से समझ एक आवेदन दायर करने की अनुमति दी थी।
बंगाल सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
वर्तमान अपील में, बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट की खंडपीठ द्वारा अपने लेटर पेटेंट अपील (एलपीए) को खारिज करने पर सवाल उठाया था। पीठ ने कहा, 'चूंकि सिंगल बेंच के आदेश को हमारे सामने चुनौती दी गई थी, इसलिए एलपीए की स्थिरता का मुद्दा अब महत्वहीन हो गया है। इसलिए पार्टियों पर 13 दिसंबर का आदेश ही लागू होंगे।
हाई कोर्ट से भी नहीं मिली थी बंगाल सरकार को राहत
अधिकारी ने राज्य में अपने खिलाफ दर्ज सात आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट के आदेश ने अधिकारी के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी, जबकि राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। अधिकारी ने बंगाल सरकार के कदम को प्रतिशोधात्मक कार्रवाई का आरोप लगाया है।
कौन-कौन से मामले हैं?
सात मामलों में एक मामला 5000 रुपए और एक सोने की चेन की चोरी से संबंधित है जबकि दूसरा अधिकारी के इशारे पर तिरपाल की चारद चोरी से संबंधित हैं। इसके अलावा अधिकारी के निजी सुरक्षा अधिकारी (SPO) की कथित आत्महत्या के एक पुराने मामले को भी इसमें शामिल किया गया है जिसमें पुलिस ने मृतक की पत्नी के शिकायत को आधार बनाया है। मृतक की पत्नी ने पति की हत्या का आरोप लगाया था।