फर्जी वीडियो मामले में बीजेपी नेता संबित पात्रा को मिली राहत

Update: 2021-12-15 13:09 GMT

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता संबित पात्रा को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कथित तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कृषि कानूनों का समर्थन करने वाला एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय शर्मा ने बुधवार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर के 23 नवंबर के आदेश पर रोक लगा दी, जिन्होंने दिल्ली पुलिस को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक आतिशी के याचिका पर भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और गहन जांच करने का निर्देश दिया था। संबित पात्रा ने तब मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया था।

सत्र न्यायाधीश ने कहा कि 23 नवंबर के आदेश के अमल पर रोक लगा दी गई है और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 10 जनवरी, 2022 को सूचीबद्ध किया गया है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर ने पहले, एफआईआर दर्ज करने के लिए आतिशी की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा था कि कथित रूप से छेड़छाड़ किए गए वीडियो के परिणामस्वरूप पूरे देश में दंगे जैसी स्थिति हो सकती है।

मजिस्ट्रेट ने आगे कहा था कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए एक "गहन जांच" की जानी चाहिए और एसएचओ को संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और जांच शुरू करने का निर्देश दिया। यह निर्देश 'आप' विधायक आतिशी की उस याचिका पर आया था, जिसमें दावा किया गया था कि कथित वीडियो में ऐसे बयान हैं जो कृषि कानूनों के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के रुख के बिल्कुल विपरीत थे और इससे किसानों के मन में संशय और असंतोष पैदा हुआ।


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