बीजेपी ने की राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, नए सीएम के नाम पर खींचतान जारी
राजस्थान। राजस्थान कांग्रेस में गहलोत गुट के 82 विधायकों के इस्तीफे के बाद देर रात तक हाई वोटेज ड्रामा चलता रहा. वहीं अब बीजेपी भी कांग्रेस पर उसकी अंदरूनी कलह हो लेकर हमलावर हो गई है. बीजेपी ने राजस्थान सरकार की मौजूदा स्थिति को देखकर राष्ट्रपति शासन लगाने के संकेत दे दिए. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने ट्विटर पर कहा,"राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक स्थिति राष्ट्रपति शासन की ओर इशारा कर रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आप नाटक क्यों कर रहे हैं? कैबिनेट के इस्तीफा देने में देरी क्यों हो रही है? आपको भी इस्तीफा दे देना चाहिए."
राजस्थान के बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को कैंपों की सरकार बताते हुए कहा कि राज्य में 2023 विधानसभा चुनाव के रुझान दिखने शुरू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि आज के भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में इतनी अनिश्चितता नहीं थी, जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेताओं को लेकर है. विधायकों की बैठकें अलग-अलग चलीं, इस्तीफे का राजनीतिक पाखंड अलग से चल रहा है. वे क्या नियम लागू करा पाएंगे? वे राजस्थान को कहां ले जाएंगे, भगवान राजस्थान को बचाएं.
वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि बाड़ेबंदी की सरकार, एक बार फिर बाड़े में जाने को तैयार है. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्विटर पर राहुल गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा- कृपया पहले इन्हें जोड़ लो. बीजेपी सांसद दीया कुमार ट्वीट किया- भारत जोड़ने चले थे. राजस्थान तोड़ने पे आ गए. राजस्थान की जनता ने 5 साल कांग्रेस बचाओ के लिए वोट नहीं दिया था! अब अंत नजदीक हैं.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया- भाई! राजस्थान कांग्रेस को जोड़ा पहले, भारत जोड़ो बाद में कर लेना. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने ट्वीट किया- राजस्थान की जनता चार साल से कांग्रेस के नित नए कुर्सी बचाने के ड्रामे को समझ चुकी है. प्रदेश की जनता त्रस्त है, जंगलराज एवं भ्रष्टाचार है, कांग्रेसी कुर्सी बचाने में व्यस्त हैं, सत्ता का मोह छोड़ आम जनता की चिंता करो.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राजस्थान में जो हुआ उसे देखने के बाद 3 चीजें स्पष्ट हैं कि राजस्थान को अब इस राजनीतिक अस्थिरता के अधीन नहीं किया जा सकता है, गांधी परिवार के पास बहुत कम विश्वसनीयता या अधिकार बचा है, चुनाव प्रक्रिया के उनके तमाशे का पर्दाफाश हो गया है. उन्होंने ट्वीट किया- मैंने एक बार कांग्रेस पार्टी नेतृत्व से कहा था कि अजय माकन बूथ स्तरीय समिति के प्रभारी होने के लायक भी नहीं हैं. आज मेरी बात को फिर से सही साबित किया गया है.