संसदीय पैनल को भेजा गया लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने वाला विधेयक, संसद में जमकर हुआ हंगामा

Update: 2021-12-21 10:20 GMT

नई दिल्ली. लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष करने का बिल संसद की स्थायी समिति को भेज दिया गया है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Union minister for women and child development Smriti Irani) ने मंगलवार को लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 (The prohibition of child marriage (amendment) bill 2021) पेश किया, जिसमें महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है. ईरानी ने बिल पेश करते हुए कहा कि हमने अपने देश के लोकतंत्र में विवाह के लिए महिलाओं और पुरुषों को विवाह के लिए 75 साल की देरी कर दी है. 19C में, महिलाओं के लिए विवाह की आयु 10 वर्ष थी. '84 में, लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र में कर दी गई थी. पहली बार, महिला और पुरुष एक ही समय या उम्र में शादी करने का फैसला ले सकते हैं."

स्मृति ईरानी ने कहा जो लोग कहते हैं कि यह संशोधन धर्मनिरपेक्ष नहीं है, मैं उन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने जो कहा है, उसे बताना चाहूंगी. ईरानी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अधिनियम धर्मनिरपेक्ष है और सभी व्यक्तिगत कानूनों और धर्म के दृष्टिकोण से महिलाओं को समान अधिकार होने चाहिए." इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया है. हालांकि, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय सहित विपक्षी नेताओं ने बिल पर आपत्ति जताई.
विपक्षी नेताओं ने जताई आपत्ति
इस बिल पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए. चौधरी ने कहा कि हड़बड़ी में बहुत गड़बड़ी होती है. सरकार ने किसी से बात नहीं की. वहीं कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी बिल को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगात राय ने कहा कि ये बिल जिस तरह की जल्दबाजी में लाया जा रहा है वह इसका विरोध करते हैं.
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा मैं इस बिल का विरोध कर रहा हूं आप ये क्यों कर रहे हैं. यह 18 साल की उम्र वालों के खिलाफ है, इसे वापस लिया जाना चाहिए.
इस चर्चा के बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.
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