सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश, लद्दाख में कांग्रेस नेताओं का विरोध
लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के 2 साल पूरे होने के मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार ने लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के प्रयासों को और तेज कर दिया है।
लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के 2 साल पूरे होने के मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार ने लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के प्रयासों को और तेज कर दिया है। लोकसभा में बृहस्पतिवार को 'केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया गया जिसमें संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। लद्दाख में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय का नाम 'सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय' रखने का प्रस्ताव इसमें किया गया है। लद्दाख में इस विश्वविद्यालय को बनाने का मूल उद्देश्य है कि यहां उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिल सके। 22 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट ने लद्दाख में सिंधु यूनिवर्सिटी बनाने पर अपनी मुहर लगाई थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच 'केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। इस दौरान, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एन. के. प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने हंगामे के बीच विधेयक पेश किये जाने का विरोध किया। प्रेमचंद्रन ने कहा कि सदन में व्यवस्था बनने पर ही विधेयक पेश होना चाहिए। तिवारी ने कहा कि सदन में अव्यवस्था के बीच विधेयक पेश किया जाना असंवैधानिक है।