बिहार विधान परिषद चुनाव की काउंटिंग आज, जानें पूरा अपडेट

Update: 2022-04-07 02:32 GMT

नई दिल्ली: बिहार विधान परिषद के स्थानीय निकाय की 24 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे गुरुवार को आएंगे. सूबे की 24 एमएलसी सीटों पर 187 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर है. इससे पहले सोमवार को 24 सीटों पर 97.86 फीसदी वोट पड़े थे. एमएलसी चुनाव के नतीजे बिहार की सियासी भविष्य को भी तय करने वाले माने जा रहे हैं, क्योंकि एनडीए एकजुट होकर चुनाव में उतरा था तो कांग्रेस और आरजेडी ने अलग-अलग किस्मत आजमाई है. इस तरह से उम्मीदवारों के साथ-साथ सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के लिए भी अहम माना जा रहा है.

बिहार की 24 विधान परिषद सीटों पर बीजेपी के 12, जेडीयू के 11 और एक सीट पर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार मैदान में है. वहीं, आरजेडी के 23 सीटों पर तो सीपीआई एक सीट पर प्रत्याशी है. कांग्रेस 15 सीटों पर किस्मत आजमा रही है. इसके अलावा कुछ सीटों पर चिराग पासवान की लोजपा रामविलास और मुकेश सहनी के वीआईपी के उम्मीदवार भी हैं.
बता दें कि एमएलसी चुनाव में मतदान और मतगणना की प्रक्रियाएं बाकी चुनाव से बिल्कुल अलग होती हैं. मतदाता अन्य चुनावों में किसी एक प्रत्याशी को वोट देता है, लेकिन विधान परिषद के इस चुनाव में एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वरीयता क्रम में वोट देने का विकल्प रहता है. ऐसे में वोटों की गिनती भी इसी आधार पर होती है. इस चुनाव में सांसद, विधायक, विधान पार्षद, त्रिस्तरीय पंचायत के वार्ड सदस्य, मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, छावनी क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों ने मतदान किए हैं.
स्थानीय निकाय की 24 एमएलसी सीटों की मतगणना प्रेफरेंशियल (वरीयता) वोटों के आधार पर होगी. प्रथम वरीयता के वोट के आधार पर कोटा का निर्धारण किया जाएगा. कोटा निर्धारण में मान्य वोटों में दो से भाग देकर प्राप्त संख्या में एक अंक जोड़ दिया जाएगा. उदाहारण के तौर पर सौ मान्य वोटों का कोटा 51 निर्धारित होगा. प्रथम गणना में ही 51 वोट या अधिक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाएगा.
वहीं, प्रथम गणना में इससे कम वोट पाने वाले को मतगणना से हटाते हुए उसे प्राप्त दूसरी वरीयता के वोट संबंधित प्रत्याशी के वोट में जोड़ दिए जाएंगे. यह सिलसिला तबतक चलेगा, जबतक किसी उम्‍मीदवार को जीत के लिए जरूरी वोट न मिल जाए. अगर अंत तक बचे दो उम्मीदवारों में भी किसी को जरूरी वोट नहीं मिले तो चुनाव आयोग ज्यादा वोट लाने वाले को विजेता घोषित कर देगा.
एमएलसी चुनाव में पटना में छह, नालंदा में पांच, गया-जहानाबाद-अरवल में पांच, औरंगाबाद में आठ, नवादा में 11, भोजपुर-बक्सर में दो, रोहतास-कैमूर में 9, सारण में आठ, सिवान में आठ, गोपालगंज में छह, पश्चिम चंपारण में सात, पूर्वी चंपारण में सात, मुजफ्फरपुर में छह, वैशाली में छह, सीतामढ़ी-शिवहर में पांच, दरभंगा में 13, समस्तीपुर में आठ, मुंगेर-जमुई-लखीसराय-शेखपुरा में 13, बेगूसराय-खगडिया में 12, सहरसा-मधेपुरा-सुपौल में 14,भागलपुर-बांका में सात, मधुबनी में छह, पूर्णिया-अररिया सह किशनगंज में सात और कटिहार निर्वाचन क्षेत्र में आठ प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
मतगणना में सबसे पहले आरा-बक्सर सीट का परिणाम आने की उम्मीद की जा रही है. इसकी वजह यह है कि इस सीट पर केवल दो उम्‍मीदवार मैदान में हैं. यहां वोटों का कोटा निर्धारित होते ही हार-जीत तय हो जाएगा. इसके अलावा जहां अधिक उम्मीदवार हैं, वहां वोटों के कोटा के निर्धारण में देरी होने या एलिमिनेशन राउंड के तहत वोटों की गिनती के कारण रिजल्‍ट देर से आएगा.
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