जातिगत जनगणना की मांग को लेकर पीएम मोदी के साथ बिहार के नेताओं की बैठक खत्म, सीएम नीतीश ने दिया ये बयान

Update: 2021-08-23 06:35 GMT

जातिगत जनगणना को लेकर बिहार (Bihar) की राजनीति गर्माने लगी है. इसी मसले को लेकर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की. ये मुलाकात करीब 40 मिनट से अधिक वक्त तक चली.



इन नेताओं की मांग है कि देश में जातिगत आधार पर जनगणना होनी चाहिए, जिससे पिछड़ी जातियों के विकास में तेज़ी लाई जा सके. कई दशकों से जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है, लेकिन अब एक बार फिर बिहार से ये आवाज फिर उठी है. कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी इसकी मांग की है.


बैठक के बाद क्या बोले नीतीश कुमार?
नीतीश कुमार ने बैठक के बाद कहा कि सभी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातिगत जनगणना की मांग की है. बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों का इसको लेकर एक ही मत है. नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार के एक मंत्री की ओर से बयान आया था कि जातिगत जनगणना नहीं होगी, इसलिए हमने बाद में बात की. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात सुनी है.


राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ये ऐतिहासिक काम होकर रहेगा, जब जानवरों की गिनती हो रही तो फिर इंसानों की गिनती भी होनी चाहिए. अगर धर्म के आधार पर भी गिनती हो रही है, तो जाति के आधार पर भी गिनती होनी चाहिए.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बीजेपी की ओर से बिहार सरकार में मंत्री जनक राम, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से मंत्री मुकेश सहनी डेलिगेशन में शामिल हैं.
पीएम मोदी से मुलाकात करने जा रहे डेलिगेशन में कांग्रेस की ओर से अजीत शर्मा, सीपीआई से सूर्यकांत पासवान, सीपीएम से अजय कुमार, सीपीआई माले से महबूब आलम और एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान भी शामिल हैं.
डेलिगेशन में शामिल हैं ये नेता
नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री) जाति- कुर्मी
तेजस्वी यादव (नेता प्रतिपक्ष) जाति- यादव
जीतन राम मांझी (पूर्व मुख्यमंत्री) जाति- मुसहर
विजय कुमार चौधरी (शिक्षा मंत्री) जाति- भूमिहार
जनक राम (खनन एवं भूतत्व मंत्री) जाति- दलित
मुकेश सहनी (पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री) जाति- मल्लाह
अजीत शर्मा (कांग्रेस विधायक दल के नेता) जाति- भूमिहार
सूर्यकांत पासवान (विधायक, सीपीआई) जाति- दलित
अजय कुमार (विधायक, सीपीएम) जाति- कुशवाहा
महबूब आलम (विधायक, भाकपा माले) - मुस्लिम नेता
अख्तरुल इमान (विधायक, AIMIM) - मुस्लिम नेता
नीतीश ने पीएम को लिखी थी चिट्ठी
बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का मुद्दा एक बार फिर से गर्म हो गया है. पिछले कुछ दिनों से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही तेजस्वी यादव और कई अन्य नेता देश में जातिगत जनगणना करवाने की मांग कर रहे हैं.
पारदर्शी आरक्षण से समाज में दूर होगा द्वेष
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने जाति आधारित जनगणना को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि आरक्षण को पारदर्शी बनाया गया तो समाज में द्वेष दूर होगा. क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर में लोगों का प्रतिशत भी सभी को पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना को बिहार ही नहीं, पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.
वहीं, सीपीआईएम के अजय कुमार ने जाति आधारित जनगणना को जरूरी बताते हुए कहा कि जातीय आधार पर शोषण से छुटकारा दिलाने के लिए जाति आधारित जनगणना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर आज हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में पीएम से मिलेंगे.
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