बिहार: उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा- जातीय जनगणना के लिए राज्य सरकार है स्वतंत्र

जातीय जनगणना देश के हित में है, यह किसी व्यक्ति विशेष की हित की बात नहीं तेजस्वी ने कहा, जातीय जनगणना से समाज के दबे कुचले लोगों का होगा उत्थान 

Update: 2021-08-15 18:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने शनिवार को कहा कि जिस तरह कर्नाटक और उड़ीसा में जातीय जनगणना कराई गई, उस तरह बिहार भी इसके लिए स्वतंत्र है। लेकिन केंद्र सरकार का फैसला इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट है कि वह जातीय जनगणना नहीं कराने जा रही है। सीएम नीतीश कई बार कह चुके हैं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए।

जातीय जनगणना देश के हित में है। यह किसी व्यक्ति विशेष की हित की बात नहीं है। नीतीश ने कहा कि 1931 में अंतिम बार जातीय जनगणना हुई थी । इसे फिर से कराना देश के हित में है। लोगों के उत्थान के लिए यह जरूरी है। विकास का लाभ सभी को मिलना चाहिए। जाति का आंकड़ा एक बार सामने आ जाने के बाद यह सब के हित में होगा।
जातीय जनगणना से समाज के दबे कुचले लोगों का होगा उत्थान : तेजस्वी
जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि जातिगत जनगणना करवाने की मांग जात पात की राजनीति नहीं, बल्कि उपेक्षित, गरीब व वंचित समाज के उत्थान के लिए एक अत्यावश्यक सकारात्मक प्रगतिशील कदम है।
देश में सामाजिक आर्थिक रूप से सबसे कमजोर ओबीसी, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस हैं। अगर सबकी संख्या की सही जानकारी नहीं होगी तो उनके उत्थान के लिए प्रयास कैसे होंगे? कोई समूह यह ना समझे कि जातिगत जनगणना करवाना उनके हितों को दबाने वाला एक कदम होगा।

 


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