बिलकिस बानो केस में बड़ा अपडेट

Update: 2022-08-22 03:11 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: गुजरात के चर्चित बिलकिस बानो केस में उम्रकैद पाए कैदियों की रिहाई के मुद्दे पर अब मानवाधिकार आयोग चर्चा करेगा. दरअसल, गुजरात सरकार ने 11 दोषियों को अपने संविधान प्रदत्त अधिकार के तहत रिहा कर दिया था. इनकी रिहाई पर राष्ट्रव्यापी बहस छिड़ने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आज सोमवार को इस पर विचार करेगा. बताया जा रहा है कि आयोग इस पूरे मामले की समीक्षा के लिए टीम भी बना सकता है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सोमवार को आयोग की दैनिक कार्यसूची में ये मुद्दा शामिल है. इस मामले में आयोग जांच कराने के अलावा राज्य सरकार को निर्देश भी दे सकता है कि पीड़ित को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार अपील दाखिल करने के लिए आर्थिक मदद राज्य सरकार मुहैया कराए.
बता दें कि 2002 में गुजरात में हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान उन्मादी भीड़ ने गर्भवती बिलकिस बानो से रेप किया था. उस दौरान बिलकिस की तीन साल की बच्ची समेत 14 लोगों की हत्या कर दी गई थी. जब कार्रवाई में ढील देखी गई तो जस्टिस जेएस वर्मा की अगुआई में मानवाधिकार आयोग की टीम ने दंगा राहत शिविर का दौरा करते हुए 2003 में इस मामले की नई सिरे से सीबीआई जांच कराने का निर्देश दिया था.
आयोग में सचिव स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत ने जनवरी 2008 में इस मामले के 13 में से 11 आरोपियों को रेप और हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में दोषियों की अपील पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी मई 2017 में अपना फैसला सुनाते हुए इस सजा को बरकरार रखा था. लेकिन गुजरात सरकार ने सजा की समीक्षा और कैदियों के चाल चलन को देखते हुए सजा कम या माफ करने के अधिकार के तहत इन सभी को गोधरा जेल से रिहा कर दिया था.

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