पेगासस जासूसी विवाद में बड़ा U-टर्न! जल्दी पढ़े ये खबर

Update: 2021-07-22 08:23 GMT

पेगासस जासूसी (Pegasus spying case) मामले पर जारी विवाद के बीच ह्यूमन राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) की सफाई सामने आई है. एमनेस्टी की ओर से बयान में कहा गया है कि उसने कभी नहीं कहा है कि हाल ही में जारी लिस्ट को NSO ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर से टारगेट किया गया था.

कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि जो लिस्ट सामने आई है, वह टारगेट नहीं थे बल्कि संभावित टारगेट हो सकते थे. कंपनी के मुताबिक, 'एमनेस्टी द्वारा ये साफ किया जाता है कि जो लिस्ट सामने आई है वह संभावित टारगेट हो सकते हैं, यानी ये वो हैं जिनपर NSO ग्रुप के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
एमनेस्टी का कहना है कि पूरी लिस्ट में कुछ ही ऐसे लोग थे जिनपर निगाह रखी गई थी, बल्कि बाकी के लिए ऐसा कन्फर्म नहीं किया जा सकता है.
आपको बता दें कि कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनियों, फॉरबिडन स्टोरी और एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट छापी गई थी, जिसमें दावा किया गया कि दुनिया के करीब 50 हजार फोन हैक किए गए थे. इनमें पत्रकार, नेता, मंत्री, एक्टिविस्ट शामिल थे. फोन हैकिंग के लिए इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया.
भारत में इस खुलासे को लेकर जमकर बवाल हो रहा है, संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष इस मसले को उठा रहा है. इस पूरी लिस्ट में करीब तीन सौ लोग भारत के थे, जिनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई विपक्षी नेता, चालीस से अधिक पत्रकार, मंत्री और अन्य हस्तियों को टारगेट किया गया था.
रिपोर्ट्स में किए गए दावे पर एनएसओ ग्रुप ने पहले ही सफाई दी थी कि वह सिर्फ सरकारों को ये सॉफ्टवेयर मुहैया कराता है, ना कि किसी प्राइवेट प्लेयर को. एनएसओ ग्रुप ने इन रिपोर्ट्स को गलत बताया था. अब इस मामले में फ्रांस, इजरायल में जांच हो रही है.
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