बड़ा ट्विस्ट: नारदा मामले में CBI ने सुप्रीम कोर्ट से अर्जी वापस ली, कलकत्ता हाई कोर्ट में होगी सुनवाई

Update: 2021-05-25 11:22 GMT

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका वापस ले ली है. सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें नारदा स्टिंग केस मामले में चार नेताओं के हाउस अरेस्ट को मंजूरी दी थी. इन चार नेताओं में से तीन टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के नेता हैं. इससे पहले सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस बीआर गवई की बेंच में यह सुनवाई चल रही थी. सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस की.

दरअसल, TMC के चार नेताओं के हाउस अरेस्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई की तरफ से तुषार मेहता ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि ये आदेश कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. वहीं बंगाल सरकार की तरफ से विकास सिंह ने कहा कि वैकेशन बेंच के सामने SIP लगने का प्रवधान नहीं है, कौन रजिस्ट्री को कंट्रोल कर रहा है.
SG तुषार मेहता ने कहा कि 17 मई को आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनको स्पेशल CBI कोर्ट में पेश किया गया. आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद भारी संख्या में भीड़ CBI दफ्तर के बाहर जमा हो गई. मुख्यमंत्री धरने पर बैठ गई, हिंसा करने की कोशिश की गई, कानून मंत्री हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शामिल हो गए और कहने लगे अपने मंत्रियों के समर्थन में वहां आये हैं.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि क्या गिरफ्तारी से पहले आरोपी को नोटिस दिया गया था? कोर्ट ने कहा कि हम धरने की सराहना नहीं कर रहे हैं , लेकिन अगर मुख्यमंत्री धरने पर बैठे हैं तो क्या आरोपी को भुगतना पड़ेगा?
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि CBI मुख्यालय की घेराबंदी की गई थी, हजारों लोग वहां जमा थे, पत्थर फेंके जा रहे थे, ताकि आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं कर सकें. उनको हाई कोर्ट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करना पड़ा.
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