भारतीय नौसेना की बड़ी कामयाबी: गाइडेड मिसाइल ने पलक झपकते ही टारगेट को किया तबाह, जानें खासियत
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने कम ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को अपनी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया. भारतीय नौसेना ने अपनी ताकतवर गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया. कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट का मतलब होता है कि राडार को चकमा देकर आ रहा विमान, ड्रोन, मिसाइल या हेलिकॉप्टर. यानी भारत को अब दुश्मन इस तरीके से भी चकमा नहीं दे सकता. भारतीय मिसाइल दुश्मन की धज्जियां उड़ा देंगी.
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने इस बात का खुलासा तो नहीं किया है कि यह मिसाइल किस जंगी जहाज से लॉन्च की गई है. लेकिन मिसाइल के आकार को देखकर लगता है कि यह बराक-1 (Barak-1) सरफेस-टू-एयर-मिसाइल (SAM) या फिर वीएल-एसआरएसएएम (VL-SRSAM) मिसाइल है. बराक-1 मिसाइल इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने मिलकर बनाई है. इस मिसाइल का वजन 98 किलोग्राम होता है.
बराक-1 (Barak-1) सरफेस-टू-एयर-मिसाइल 6.9 फीट लंबी होती है. इसका व्यास 6.7 इंच होता है. इसकी खासियत ये है कि इसकी नाक में यानी सबसे ऊपरी नुकीले हिस्से में 22 किलोग्राम वॉरहेड रखा जा सकता है. यानी विस्फोटक. आमतौर पर इसमें ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन (Blas Fragmentation) वॉरहेड लगाया जाता है. जो धमाके के साथ टारगेट को कई टुकड़ों में बांटने और छेदने के लिए बनाया जाता है.
बराक-1 (Barak-1) में दो तरफ पंख लगे होते हैं. पहले पंख मिसाइल की बीच में और दूसरे छोटे पंख नीचे की तरफ. यह अधिकतम 5.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इस घातक मिसाइल के हमला करने की रेंज 500 मीटर से लेकर 12 किलोमीटर तक होती है. यह मैक 2.1 (Mach 2.1) की गति से दुश्मन की तरफ हमला करती है. यानी 2593.08 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से. इस किसी भी जंगी जहाज से दागा जा सकता है.
एक संभावना यह भी बनती है कि भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने स्वदेश में निर्मित वीएल-एसआरएसएएम (VL-SRSAM) मिसाइल का परीक्षण किया हो. इसका पूरा नाम है- वर्टिकल लॉन्च-शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल. फिलहाल इसका कोई नामकरण नहीं किया गया है. इसे बराक-1 की जगह जंगी जहाजों में लगाए जाने की योजना है. यह मिसाइल 154 किलोग्राम वजनी है. इसे DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर बनाया है.
वीएल-एसआरएसएएम (VL-SRSAM) मिसाइल करीब 12.6 फीट लंबी है. इसका व्यास 7.0 इंच है. इसमें हाई-एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है. यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के जहाज या मिसाइल को मार गिरा सकती है. इसकी रेंज 25 से 30 किलोमीटर है. यह अधिकतम 12 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी गति बराक-1 से दोगुनी ज्यादा है. यह मैक 4.5 यानी 5556.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ती है.
वीएल-एसआरएसएएम (VL-SRSAM) मिसाइल को किसी भी जंगी जहाज से दागा जा सकता है. हालांकि भारतीय नौसेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इस मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है या नहीं. लेकिन इस मिसाइल की तैनाती इसी साल होनी संभावित है. इस मिसाइल की खासियत ये है कि ये 360 डिग्री में कहीं घूमकर अपने दुश्मन को खत्म करके ही मानती है.