सौरव गांगुली का बड़ा बयान

Update: 2022-05-07 15:48 GMT

फाइल फोटो 

कोलकाता: बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने शनिवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफी करीब हैं। गांगुली का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ डिनर पार्टी के ठीक एक दिन बाद आया है। गांगुली के इस बयान के बाद राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि गांगुली की शाह से बात नहीं बन पाई, इसीलिए उन्होंने वापस ममता दीदी की तरफ रुख किया है। ममता बनर्जी बीजेपी की धुर विरोधी मानी जाती है। सूत्र बताते हैं कि गांगुली के सहारे बीजेपी बंगाल में ममता के किले को फतह करने के मूड में थी लेकिन दादा के इनस्विंग ने बीजेपी को बोल्ड कर दिया है। लेकिन अभी करवट बदलनी बाकी है क्योंकि गांगुली ने अभी किसी पार्टी में जाने का फैसला नहीं लिया है।

दरअसल, प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली मैदान में भी अपनी बेबाकी को लेकर मशहूर थे। लेकिन शुक्रवार और शनिवार को हुए घटनाक्रम के बाद दादा ने साबित कर दिया कि वे मैदान के बाहर भी उनका कोई सानी नहीं। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने आवास पर रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया था। गांगुली और शाह के डिनर पार्टी की तस्वीरें भी सामने आई थी। दोनों की घनिष्ठता के बाद राजनीतिक गलियारों में बातें सामने आने लगी थी कि गांगुली जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। लेकिन अगले ही दिन उन्होंने यह कहकर पलटी मार दी कि वो ममता दीदी के काफी करीब हैं। गांगुली ने यह भी कहा कि ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम से तो उनके पारिवारिक संबंध हैं। वो हकीम को तब से जानते हैं जब वो कक्षा एक में पढ़ते थे।
माना जा रहा है कि दादा और शाह के बीच मुलाकात तो हुई, डिनर भी हुआ लेकिन बात नहीं बन पाई। ऐसे में गांगुली ने अब ममता दीदी की तरफ ही रुख किया है। ममता बनर्जी केंद्र की बीजेपी सरकार की धुर विरोधी मानी जाती है। ऐसे में शाह के साथ डिनर करने के अगले ही दिन ममता बनर्जी की तारीफ करना कोई सहज बात नहीं है।
सौरव गांगुली के घर डिनर पार्टी में शामिल होने वालों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ स्वपन दासगुप्ता, राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी भी थे। बीजेपी से जुड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए सौरव ने कहा कि वह अमित शाह को 2008 से जानते हैं। उन्होंने कहा, "खेलते समय मैं उनसे मिलता था। इससे ज्यादा और कुछ नहीं है।"
दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भी राजनीतिक गलियारों में ये खबरें थी कि सौरव गांगुली बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। यही नहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक, गांगुली को बीजेपी प्रदेश के सीएम फेस के तौर पर जोड़ना चाहती थी। लेकिन उस वक्त गांगुली माइनर हार्ट अटैक के बाद स्वास्थ्य लाभ में मशगूल हो गए और बीजेपी से जुड़ने की हवा में ही गायब हो गई थी।
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