RSS प्रमुख का बड़ा बयान, कहा- 'जब तक हम चीन पर निर्भर रहेंगे, तबतक उनके सामने झुकना पड़ेगा'
राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (RSS) प्रमुख ने स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा बयान दिया है।
नई दिल्ली, राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (RSS) प्रमुख ने स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा बयान दिया है। मुंबई के राजा स्कूल में झंडा फहराने के बाद मोहन भागवत ने कहा कि जबतक हम चीन पर निर्भर रहेंगे तबतक हमें उनके सामने झुकना पड़ेगा। स्वतंत्रता दिवस पर भारत की आजादी पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने चीन पर निर्भरता को लेकर सवाल भी उठाया। भागवत ने कहा,' हम कितना भी चीन के बारे में चिल्लाएं, लेकिन आपके फोन में जो भी चीजें हैं वह चीन से ही आती हैं। जब तक चीन पर निर्भरता रहेगी तक तक चीन के सामने झुकना पडेगा'।
इसके साथ ही मोहन भागवत ने कहा कि स्वदेशी का मतलब सब कुछ छोड़ देना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार जारी रहेगा,लेकिन हमारी शर्तों पर। इसके लिए हमें आत्मनिर्भर बनना होगा। भागवत ने कहा कि आत्मनिर्भरता रोजगार पैदा करती है। नहीं तो हमारी नौकरी चली जाती है और हिंसा का रास्ता खुल जाता है। तो स्वदेशी का अर्थ है आत्मनिर्भरता और अहिंसा हैं।
गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (lAC) की रक्षा में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के 20 जवानों को पिछले साल पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध और संघर्ष के दौरान बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए वीरता के पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया गया है।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के लिए केंद्र सरकार ने कुल 1,380 पुलिस पदक घोषित किए हैं। इनमें दो राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी), 628 वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी), 88 विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएम) और 662 सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएम) शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) के सब-इंस्पेक्टर अमर दीप और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के हेड कांस्टेबल काले सुनील दत्तात्रेय (मरणोपरांत) को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिए गए हैं।
आइटीबीपी को मिले 23 वीरता पुलिस पदकों में से 20 उन अभियानों के लिए हैं जो मई-जून, 2020 के दौरान लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ थे। 20 में से आठ जवानों को 15 जून को गलवन, छह जवानों को 18 मई को फिंगर-4 क्षेत्र और छह अन्य जवानों को उसी दिन लद्दाख के हाट स्पि्रंग्स के पास वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए सम्मानित किया गया है। आइटीबीपी के तीन जवानों को छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए सम्मानित किया गया है.