नई दिल्ली: जनरल मनोज पांडे ने आज भारतीय थल सेना की कमान संभाल ली. साउथ ब्लॉक में इन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. पहली बार इस मौक़े पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल हरी कुमार मौजूद रहे. भारतीय थल सेना की कमान संभालने के बाद जनरल मनोज पांडे ने कहा कि देश की रक्षा सबसे ऊपर है. कमान संभालने के बाद मैं हर चुनौती से निपटने को तैयार हूं.
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे लिए ये बेहद गर्व का पल है और सम्मान की बात है कि मुझे थल सेना का दायित्व सौंपा गया है. सेना ने देश की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए बहुत काम किया है. मैं देशवासियों को आश्वासन देने चाहता हूं कि सेना इसे बनाए रखेगी. उन्होंने कहा कि विश्व में जियोपॉलेटिकल स्थिति बदल रही है. हमारे सामने कई तरह की चुनौती है, लेकिन उन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए थल सेना पूरी तरह से तैयार है.
जनरल पांडे ने कहा कि तीनों सेना एक दूसरे के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता ऑप्रेशनल तैयारियों पर रहेगी और आत्मनिर्भर भारत के तहत नई तकनीक पर ज़ोर रहेगा. हम साथ मिलकर काम करेंगे और देश के लिए जो भी अच्छा होगा, वो करेंगे. देश की रक्षा सर्वोपरि है.
इससे पहले जनरल पांडे पूर्वी सेना कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जिसे सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रखवाली का काम सौंपा गया था. जनरल पांडे ने ऐसे समय में भारतीय सेना की कमान संभाली, जब भारत कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान और चीन के साथ LOC और LAC शामिल है. सेना प्रमुख के रूप में उन्हें सरकार की योजना पर भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के साथ समन्वय स्थापित करना होगा.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था. वह स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूके) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज में हायर कमांड कोर्स में भी भाग लिया था. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अपनी 37 साल की सेवा में ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में सक्रिय भाग लिया है.
अपने 39 साल के सैन्य करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं.