पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह सत्ता के साथी रहे हैं, वे जदयू के संघर्ष के साथी नहीं हैं। पहले समता पार्टी और फिर जदयू को बनाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कितनी मेहनत की, इसका कोई ज्ञान आरसीपी सिंह को नहीं है। कह रहे हैं कि जदयू डूबता हुआ जहाज है। क्या जानते हैं वे जदयू के बारे में? पार्टी का एबीसीडी भी वे नहीं जानते हैं।
ललन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री के बारे में आज वे कैसी-कैसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। जबकि, मुख्यमंत्री ने ही आरसीपी सिंह को पहचान दी। केंद्रीय मंत्री पद से हटने के बाद से वे बेचैन हैं। वर्ष 2009 में आरसीपी सिंह की इच्छा लोकसभा चुनाव लड़ने की थी। 2010 में भी उनकी इच्छा चुनाव लड़ने की थी। वे बार-बार कहते हैं कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। वे बने नहीं हैं, उन्हें मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष बनाया। इस पार्टी के मालिक एक हैं और उनका नाम है नीतीश कुमार। हमको उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। हम केयर टेकर हैं। केयर टेकर मालिक नहीं हो जाता। आरसीपी सिंह ने वर्ष 2020 में 1 मार्च को पार्टी के बूथ अध्यक्ष और सचिव का सम्मेलन बुलाया था। प्रेस के साथी इसका गवाह हैं कि उन्होंने तीन लाख-पांच लाख का दावा किया था। पर, कितने लोग आये थे। सब देखे थे। समर्पित कार्यकताओं के बल पर नीतीश कुमार 2005 में मुख्यमंत्री बने।
उन्होंने विकास का जो काम किया, इसकी चर्चा देश-दुनिया में है। पार्टी के वफादार कायकर्ता जो हाशिये पर पहुंचा दिये गये थे, वे सब आज मुख्य धारा में आ गये हैं। एक सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि अभी आरसीपी सिंह सामान्य कार्यकर्ता थे और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नोटिस करने को सक्षम हैं। वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में जदयू का किसके साथ गठबंधन रहेगा के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि कल किसने देखा है। कल हम जिंदा रहेंगे या नहीं, कौन जानता है। 2024 और 2029 के चुनाव पर अभी क्या चर्चा करना है। एक सवाल पर कहा कि महंगाई तो बढ़ी है, इसका मुद्दा राजद ने उठाया है, इसका हम विरोध क्यों करें।
इस मौके पर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, जल संसाधन मंत्री संजय झा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार आदि थे।